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जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ अभियान तेज, पुराने सुरक्षा पिकेट्स को किया जा रहा फिर से तैनात

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने एक बार फिर बड़ा आतंक विरोधी अभियान छेड़ दिया है. आतंकियों की बढ़ती हलचल के इनपुट के बाद किश्तवाड़ जिले के दुर्गम इलाकों में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. वहीं, राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जैसे संवेदनशील पहाड़ी जिलों में पुराने सुरक्षा पिकेट्स को दोबारा स्थापित करने की कवायद तेज कर दी गई है.

किश्तवाड़ के वारवन क्षेत्र के चोईडरमन, बसमिना और सुखनाई गांवों में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया है. खुफिया जानकारी के अनुसार, इन इलाकों में 3 से 4 संदिग्ध आतंकियों की मौजूदगी की आशंका जताई गई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमों ने इलाके को घेरकर तलाशी तेज कर दी है.

आतंक के खिलाफ शुरू हुआ ऑपरेशन

इस ऑपरेशन का नेतृत्व एसएसपी किश्तवाड़ नरेश सिंह की निगरानी में SDPO मारवाह विजय कुमार भगत और SHO वारवन दानिश अमीन कर रहे हैं. तलाशी के दौरान सुरक्षा बल खाली पड़े ढोक मकानों की भी जांच कर रहे हैं, क्योंकि जानकारी यह ही मिली है कि आतंकी इन्हीं जगहों को छिपने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.

ट्रैकिंग रूट पर भी अलर्ट

खास बात यह है कि जिस सुखनाई क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, वहीं से पहलगाम और शीशनाग की ओर जाने वाला एक ट्रैकिंग रूट भी गुजरता है. इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बल अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं ताकि नागरिकों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

पिकेट्स क्या होते हैं?

जम्मू संभाग में पिकेट्स फिर से सक्रिय हो रहे हैं. लेकिन पहले यह जान लेना जरूरी है कि पिकेट्स क्या होते हैं. पिकेट्स का मतलब होता है सुरक्षा चौकियां या गश्त के लिए बनाए गए छोटे-छोटे पोस्ट जहां सुरक्षा बल तैनात रहते हैं. ये पिकेट्स:

  1. आमतौर पर संवेदनशील या खतरे वाले इलाकों में बनाए जाते हैं,
  2. आतंकवाद या किसी भी खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की उपस्थिति सुनिश्चित करते हैं,
  3. क्षेत्र की निगरानी करते हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं,
  4. लोगों को सुरक्षा का भरोसा देते हैं और शांति बनाए रखने में मदद करते हैं.

फिर से सक्रिय हो रहे पिकेट्स

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जम्मू संभाग के ऊंचाई वाले इलाकों में सुरक्षा पिकेट्स को दोबारा स्थापित किया जा रहा है. ये वही पिकेट्स हैं जो 2003-2004 तक सक्रिय थीं, लेकिन आतंकवाद में कमी आने के बाद हटा दी गई थीं. अब दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकियों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर इन सुरक्षा चौकियों को दोबारा चालू किया जा रहा है.

छह जिलों में 50 से 60 आतंकी सक्रिय

सेना सूत्रों के मुताबिक, राजौरी, पुंछ, डोडा, किश्तवाड़, रियासी और उधमपुर जिलों में फिलहाल 50 से 60 आतंकियों की सक्रियता के इनपुट हैं. इनमें अधिकतर आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं और छोटे-छोटे ग्रुपों में बंटकर गतिविधियां कर रहे हैं.

70 से अधिक सर्च ऑपरेशन

इन आतंकवादियों की पकड़ के लिए सेना ने अब तक 70 से अधिक तलाशी अभियान चलाए हैं, खासकर ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में. सेना ने वहां स्थायी चौकियां भी स्थापित कर ली हैं. हाल ही में उधमपुर के बसंतगढ़ में एक आतंकी मारा गया था, वहीं डोडा के छात्रु में हुई मुठभेड़ के बाद बड़ा तलाशी अभियान अब भी जारी है.

इसके अलावा, LoC पार 70 से ज्यादा आतंकी लॉन्चपैड्स पर घुसपैठ की कोशिश में बैठे हैं, लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और हाई अलर्ट की स्थिति में उनकी हर कोशिश नाकाम होती जा रही है.

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