केदारनाथ धाम में खच्चर से सामान ढोने वाला लड़का अब IIT में पढ़ेगा, पढ़िए उत्तराखंड के अतुल की Success story

यह कहानी है एक ऐसे जज़्बे की, जिसने मुश्किल हालातों को भी पीछे छोड़ दिया. यह कहानी है अतुल कुमार की, एक साधारण परिवार से आने वाले असाधारण लड़के की. आर्थिक तंगी के चलते अतुल केदारनाथ धाम में खच्चर से सामान ढोकर परिवार का खर्च चलाता था. लेकिन तमाम चुनौतियों और संघर्षों के बीच भी उसका ध्यान कभी पढ़ाई से नहीं भटका. अपने कठिन परिश्रम और मजबूत हौसले के दम पर अतुल ने IIT JAM 2025 परीक्षा पास की है.
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बीरों देवल गांव के रहने वाले अतुल ने IIT JAM 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 649 हासिल की है. अब उसका दाख़िला प्रतिष्ठित संस्थान IIT मद्रास में होने जा रहा है.यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि IIT मद्रास को NIRF रैंकिंग 2024 में देश का नंबर एक संस्थान घोषित किया गया है. अतुल IIT मद्रास में MSc गणित में दाखिला लेगा.
बचपन से ही मेधावी था अतुल
अतुल के शिक्षा का सफर कई चुनौतियों से भरा रहा है. उसने अपनी शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड के एक सरकारी स्कूल से की. बसुकेदार के राजकीय इंटर कॉले से उसने 10वीं की. 10वीं के एग्जाम में उसे 94.8% अंक आए थे और उसका राज्य में 17वां था. 12वीं में 92.8% अंकों के साथ उसने पूरे स्टेट में 21वीं रैंक हासिल की थी. वर्तमान में वह हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से BSc अंतिम वर्ष के छात्र है.
अतुल का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और उसके माता-पिता आज भी केदारनाथ धाम में घोड़े-खच्चर चलाने का काम करते हैं. अतुल भी अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए केदारनाथ में यही काम करता रहा है. इस कठिन परिस्थिति के बावजूद, उसने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया.
गांव में खुशी का माहौल
अतुल की इस सफलता से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. उसके माता-पिता ने भावुक होकर बताया कि अतुल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत मेहनती था. उम्मीद है कि जुलाई के अंत तक अतुल IIT मद्रास में अपना नया शैक्षणिक सफर शुरू करेगा. अतुल की यह सफलता उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो अभावों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं. अतुल जैसे छात्र यह साबित करते हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.