उत्तरप्रदेश
बांस के झुरमुट का विवाद जातीय गोलबंदी से ज्यादा कहीं सियासी अखाड़ा तो नहीं? वाराणसी के छितौना गांव की कहानी

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में एक बार फिर जातीय गोलबंदी की राजनीति हावी होती दिख रही है. वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव की घटना ने पूर्वांचल में जातीय गोलबंदी को हवा दे दी है. अब यहां सियासी दल खुलकर अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई को अमलीजामा पहना रहे हैं. हालांकि अभी विधानसभा चुनाव में समय है लेकिन नेता हाथ में आए अवसर को छोड़ना नहीं चाह रहे.
छितौना गांव में 5 जुलाई को 2 परिवार के बीच झगड़ा हो गया. झगड़ा आधे बिस्वा जमीन पर बांस के झुरमुट को लेकर था. संजय सिंह अपने दो बेटों के साथ और सुरेंद्र राजभर अपने परिवार के लोगों के साथ लाठी डंडे के जरिए एक-दूसरे पर हमला करने लगे. दोनों ओर से कई लोग घायल हुए. मामले की जानकारी चौबेपुर थाने को दी गई. घायलों को बीएचयू के ट्रामा सेंटर और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.