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सिवनी कांग्रेस में भूचाल: उपचुनाव में करारी हार के बाद जिलाध्यक्ष खुराना के इस्तीफे की मांग तेज

राष्ट्र चंडिका न्यूज़,,सिवनी, सिवनी कांग्रेस में खुराना के खिलाफ बगावत: उपचुनाव की हार के बाद इस्तीफे की मांग तेज
राष्ट्र चंडिका न्यूज़,सिवनी, सिवनी कांग्रेस में दशकों से अध्यक्ष पद पर काबिज राजकुमार खुराना के खिलाफ असंतोष और गुटबाजी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। हाल ही में हुए नगर पालिका परिषद के उपचुनाव में एक वार्ड से मिली करारी हार के बाद कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग उनसे तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहा है, जिसके चलते पार्टी के भीतरखाने भूचाल आ गया है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कांग्रेस की लगातार हार और संगठन में व्याप्त निष्क्रियता तथा गुटबाजी का सीधा परिणाम हालिया उपचुनाव की शर्मनाक हार है। एक युवा कार्यकर्ता ने तीखे शब्दों में अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “जब पार्टी लगातार हार रही हो और संगठन में असंतोष हो, तो नेतृत्व को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। खुराना जी को अब पद छोड़ देना चाहिए ताकि पार्टी नए सिरे से काम कर सके।”
सांगठनिक निष्क्रियता और गुटबाजी बनी हार का कारण

उपचुनाव में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष की पौत्र वधू के उस वार्ड से, जहां जय किशोर वर्मा जैसे दिग्गज लंबे समय तक पार्टी के स्तंभ रहे हैं, केवल दो-ढाई सौ वोट मिलने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह कांग्रेस पदाधिकारियों की मेहनत पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न है। “क्या कांग्रेस के पदाधिकारियों ने सिर्फ 200 वोट के लायक ही मेहनत की?” एक कार्यकर्ता ने सवाल उठाया।
समीक्षा बैठक की मांग और भविष्य की चुनौती
कार्यकर्ताओं द्वारा इस हार की समीक्षा बैठक बुलाने की भी पुरजोर मांग की जा रही है। उनका कहना है कि पार्टी को अपनी गलतियों से सीखना होगा और भविष्य की रणनीति पर काम करना होगा।
कार्यकर्ताओं द्वारा इस हार की समीक्षा बैठक बुलाने की भी पुरजोर मांग की जा रही है। उनका कहना है कि पार्टी को अपनी गलतियों से सीखना होगा और भविष्य की रणनीति पर काम करना होगा।
हालांकि, इस पूरे मामले पर जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सिवनी कांग्रेस में चल रही यह उठा-पटक पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस आंतरिक कलह से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या खुराना पर इस्तीफे का दबाव और बढ़ता है या नहीं।