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न्यू इंडिया बैंक घोटाला: वांटेड आरोपी पवन जायसवाल लखनऊ से गिरफ्तार, चौंकाने वाले खुलासे

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में हुए 122 करोड़ रुपए के घोटाले में मुंबई पुलिस की आर्थिक गुन्हे शाखा (EOW) ने बड़ी सफलता हासिल की है. इस मामले में फरार चल रहे वांटेड आरोपी पवन अमर सिंह जायसवाल (उम्र 47) को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. आर्थिक गुन्हे शाखा की टीम आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ला रही है. आज आरोपी पवन जायसवाल को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पवन जायसवाल की भूमिका आरोपी राजीव रंजन पांडेय से पूछताछ के दौरान सामने आई थी. राजीव पांडेय ने अपने हिस्से के 7.50 करोड़ रुपए में से 3.50 करोड़ रुपए पवन जायसवाल को दिए थे.

राजीव पांडेय की गिरफ्तारी

पवन जायसवाल मूल रूप से झारखंड के चक्रधरपुर का रहने वाला है और वहीं बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता था. राजीव पांडेय की गिरफ्तारी के बाद से पवन फरार हो गया था और लखनऊ में अपने परिवार के पास छिपकर रह रहा था. ईओडब्ल्यू की टीम दो महीने से उसकी तलाश कर रही थी.

122 करोड़ रुपए का घोटाला

जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी और बेंक में अधिकारी रहे हितेश मेहता ने 122 करोड़ रुपए के घोटाले में से 15 करोड़ रुपए की अवैध रकम को वैध फंड में बदलने की कोशिश की थी. इसके लिए उसने अजय सिंह राठौड़ और राजीव रंजन पांडेय की मदद ली थी. दोनों ने 22 करोड़ रुपए लौटाने का झांसा देकर मेहता से 15 करोड़ रुपए लिए, और फिर उसे आपस में बराबर बांट लिया. राजीव पांडेय ने अपने हिस्से से 3.50 करोड़ रुपए पवन जायसवाल को दिए थे.

अजय सिंह राठौड़ की तलाश

ईओडब्ल्यू अब इस मामले में एक और मुख्य आरोपी अजय सिंह राठौड़ की तलाश कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक, शुरुआत में हितेश मेहता ने काला धन सफेद करने के लिए सतारा के एक गिरोह से संपर्क किया था, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते यह डील नहीं हो सकी. इसके बाद उसने सीधे अजय राठौड़ से संपर्क साधा. घोटाले की जांच जारी है और कई अन्य संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है.

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