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दिल्ली/NCR

स्कूलों में कंस्ट्रक्शन घोटाला: सत्येंद्र जैन से 5 घंटे तक पूछताछ… फिर भी संतुष्ट नहीं ACB

दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के कंस्ट्रक्शन में कथित घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शुक्रवार को जैन से लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान सत्येंद्र जैन ने कई सवालों के जवाब या तो गोलमोल तरीके से दिए या पूरी तरह टाल गए, जिससे ACB उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं नजर आई.

ACB ने सत्येंद्र जैन को इस मामले में शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया था. जैन से पूछताछ के दौरान एजेंसी ने कई दस्तावेज और रिपोर्टें सामने रखीं, जिनके आधार पर उनसे जवाब मांगे गए.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे और कई सवालों पर वह चुप्पी साध गए. अभी यह तय नहीं है कि ACB अगली पूछताछ कब करेगी, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जैन को फिर से तलब किया जा सकता है. इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी ACB ने समन भेजा है. उन्हें 9 जून को पेश होने को कहा गया है.

एसीबी ने 30 अप्रैल को दर्ज की थी एफआईआर

मार्च 2025 में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद ACB ने 30 अप्रैल 2025 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में स्कूल निर्माण में भारी वित्तीय अनियमितताओं और टेंडर प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप है.

केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और दिल्ली विजिलेंस निदेशालय की रिपोर्टों के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया. CVC की 2020 की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण की लागत को 24.86 लाख रुपए प्रति कक्षा दर्शाया गया, जबकि वास्तविक लागत 5 लाख रुपए प्रति कक्षा होनी चाहिए थी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि निर्माण कार्यों में CPWD के नियमों, वित्तीय दिशा-निर्देशों और टेंडर प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई.

स्कूलों में कक्षा निर्माण में लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप

इसके अलावा, सेमी-पर्मानेंट स्ट्रक्चर (SPS) के लिए 8,800 रुपए प्रति वर्ग फुट की लागत ली गई, जो सामान्य से लगभग पांच गुना अधिक थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2015-16 में स्वीकृत प्रोजेक्ट को तय समय पर पूरा नहीं किया गया और इसकी लागत 17% से बढ़कर 90% तक पहुंच गई. आप सरकार से जुड़े 34 ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप भी लगाए गए हैं.

इस पूरे मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला है और इसे “जनता के पैसे की खुली लूट” करार दिया है. दोनों ही दलों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है.

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