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पुतिन के अंदर धधक रही है बदले की ज्वाला… इन 3 स्टेप्स से यूक्रेन में तबाही मचाने की तैयारी

यूक्रेन के लगातार हमलों के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद गुस्से में हैं और यूक्रेन पर रूस में बड़े हमले की तैयारी भी शुरू हो गई है. प्रतिशोध के इस एक्शन की शुरुआत भी हो चुकी है, यूक्रेन पर रूस ने हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया. रूस ने यूक्रेन के ओडेसा समेत कई शहरों पर ड्रोन से हमलों की शुरुआत कर दी है. माना जा रहा है कि पुतिन पूरी प्लानिंग के साथ इस बार जेलेंस्की के हौसले को तोड़ने वाला प्रहार करने जा रहे हैं. रूस अपने तमाम बॉम्बर और एयरबेस का बदला लेना और यूक्रेनी वायुसेना और उसके ठिकानों पर घातक मिसाइलों से हमले होंगे.

रूस का इंतकाम कैसा होगा, कितना विध्वंस्क होगा, कितनी तबाही मचेगी? इसका ट्रेलर मंगलवार को सामने आ चुका है. मंगलवार को रूस के किसी एयरबेस एक मिग-31 ने टेक ऑफ किया. सुपरसोनिक रफ्तार से उड़ने वाले इस विमान से अचानक फायर हुई एक हाइपरसोनिक मिसाइल और यूक्रेन का एक शहर दहल उठा. मिसाइल यूक्रेन के मिकोलेव में गिरी, धमाके के बाद से मिकोलेव में अंधेरा छा गया. एयर डिफेंस हाइपरसोनिक रफ्तार के आगे नाकाम रहे.

यूक्रेन के चेर्निहीव पर लगातार हमले हुए

रूसी एयरबेस पर इस हमले का इंतकाम कैसा होने वाला है इसका अंदाजा मिल चुका है. माना जा रहा है कि ये रूस का टेस्ट फायर था. रूस ने पहले यूक्रेन के हवाई कवच का टेस्ट लिया है ताकि फाइनल प्रहार के दौरान नाकामी की कोई गुंजाइश न रहे. तमाम खुफिया रिपोर्ट एक तरह की हैं, लेकिन माना जा रहा है कि रूस एयरबेस का बदला एयरबेस जला कर लेगा. रूस बॉम्बर का बदला यूक्रेन के F-16 और मिराज विमानों को जला कर लेगा, लेकिन सबसे बड़ी सजा देने की तैयारी इस बार जेलेंस्की के लिए हो सकती है इसलिए रूस के टारगेट पर यूक्रेन के 2 शहर हो सकते हैं, जिसमें पहला नाम कीव का है और दूसरा जेलेंस्की का होम टाउन क्रिवी रिह. रूस को बड़ा नुकसान पहुंचा है इसलिए ओडेसा फिर टारगेट पर है.

ओडेसा में रूस के ड्रोन से लगातार हमले हो रहे हैं. यूक्रेन के कई और शहरों को दहलाया गया है. यूक्रेन के चेर्निहीव पर लगातार हमले हुए हैं. स्कूल, अपार्टमेंट और कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है. खारकीव में भी रूस के लगातार हमले हो रहे हैं. रूस के एयरबेस पर हमले के बाद से यूक्रेन में हाई अलर्ट है. मंगलवार को भी यूक्रेन में सायरन बजते रहे. लोग अंडरग्राउंड ठिकानों से बाहर नहीं निकल सके हैं. यूक्रेन के तमाम विमानों को स्टैंड बाय रखा गया है ताकि रूस का हमला होते ही विमानों को हवा में ले जाकर बचाने की कोशिश है.

NATO से भी मिल रही यूक्रेन को मदद

रूस से बड़े हमले की आशंका में यूक्रेन की सेना और आम लोग भी अलर्ट हैं. F-16 फाइटर जेट से हवा में निगरानी की जा रही है. मिराज-2000 विमानों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. F-16 और मिराज एयर टू एयर मिसाइल से लैस हैं और रूसी मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने के लिए तैयार हैं. सभी एयर डिफेंस अलर्ट पर रखे गए हैं ताकि हमले से मुकाबला किया जा सके. रडार से लगातार निगरानी की जा रही है ताकि यूक्रेन को रूसी मिसाइलों से बचाया जा सके. NATO से भी यूक्रेन को मदद मिल रही है. कई देशों की सैटेलाइट से रूस पर नजर रखी जा रही है और हर खुफिया जानकारी यूक्रेन तक पहुंचाई जा रही है.

रूसी बॉम्बर्स के पोजीशन पर भी निगरानी रखी जा रही है. जेलेंस्की के मुताबिक, रूस में हुए इस हमले को कामयाब बनाने के लिए डेढ़ साल का वक्त लगा. यही वजह है कि रूस तुरंत पलटवार करने की जगह प्लानिंग के साथ प्रहार करने की नीति पर काम कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, 48 घंटे में पुतिन ने कई बार बैठक की है. पुतिन तीनों सेना के कमांडर से मिल चुके. न्यूक्लियर फोर्स के चीफ से पुतिन की मुलाकात हुई. इस्तांबुल में वार्ता विफल होने के बाद रूस यूक्रेन को लेकर बड़ी प्लानिंग तैयार कर चुके हैं.

यूक्रेन पर बड़े हमले की तैयारी

एक्सर्ट्स के मुताबिक, हमले का पहला चरण यूक्रेन के सैन्य ठिकानों, हथियार डिपो, सप्लाई लाइन पर होगा. दूसरे चरण में यूक्रेन में ब्लैकआउट की कोशिश होगी, जिसके तरह पावर सप्लाई पर हमला हो सकता है. तीसरे चरण में यूक्रेन के पूर्वी हिस्से पर पूरी तरह से कब्जा करने का प्लान है. दावा किया जा रहा है कि पुतिन इस बार सिर्फ यूक्रेन में महाविध्वंस के लिए हमला नहीं करेंगे.

इस बार कोशिश यूक्रेन को लाचार बनाने की होगी इसलिए बारूद बरसाने के साथ रणनीति बनाने पर भी काम चल रहा है. फिलहाल दावा किया जा रहा है कि रूस अपनी ताकतवर मिसाइलों का इस्तेमाल करेगा, ताकि यूक्रेनी एयर डिफेंस नाकाम हों और यूक्रेन के तमाम टारगेट नष्ट कर दिए जाएं. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के बाद से यूक्रेन में हाई अलर्ट है क्योंकि रिपोर्ट मिली है कि यूक्रेन पर बड़े हमले की तैयारी चल रही है.

रूस की मिसाइलें तैनात हो चुकी हैं. साथ ही अब यूक्रेन पर परमाणु हमले का भी खतरा है. रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेमलिन में लगातार मीटिंग हो रही है. यूक्रेन पर 2 तरफ से हमले की तैयारी है. रूस हवा और समुद्र से हमले की तैयारी में है. यूक्रेन पर अब तक के सबसे बड़े हमले का डर है. रूस यूक्रेन के एयरबेस को टारगेट कर सकता है. यूक्रेनी सैन्य ठिकाने भी टारगेट किए जा सकते हैं.

यूक्रेन के पीछे अब बहुत बड़ा सपोर्ट

रूस के पास ताकतवर मिसाइलों की कमी नहीं है. अब तक रूस ने ऐसी मिसाइलों का इस्तेमाल बहुत कम किया है लेकिन अब रूसी एयर बेस और क्रीमिया ब्रिज जैसी जगहों पर हमले ने रूस को बहुत मौका दिया है. 48 घंटे में रूस पर दो बड़े हमले हो चुके हैं. 41 बॉम्बर को नष्ट करने के बाद कर्च ब्रिज टारगेट बना. कर्च ब्रिज के बेस में यूक्रेन ने धमाका किया. यूक्रेन के ऐसे हमलों से जाहिर हो रहा है कि यूक्रेन के पीछे अब बहुत बड़ा सपोर्ट है. यूक्रेन अब रूस को बड़ा नुकसान पहुंचाने से पीछे नहीं हट रहा और न ही यूक्रेन के भीतर कोई डर नजर आ रहा है.

हालाकि यूक्रेन के इस रवैये के पीछे शांति वार्ता में रूस का अपनी शर्तों में अड़े रहना भी माना जा रहा है. रूस ने एक बार फिर लुहांस्क, डोनेस्क, खेरसोन और जेपोरिजिया से यूक्रेन को सेना हटाने की शर्त को दोहराया है. ऐसे में यूक्रेन को अंदाजा हो चुका है कि सिर्फ बड़े हमले से ही रूस पर दबाव बनाया जा सकता है और यूक्रेन अब आर-पार की नीति को अपनाकर रूस में बड़े हमले कर रहा है.

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