‘लग्जरी कार दो, तब लूंगी एक्शन’… रेप पीड़िता से महिला दारोगा ने कहा, SP ने कर दिया सस्पेंड

बिहार के मोतिहारी जिले के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात बेहतर पुलिसिंग के लिए रोज नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं. हालांकि, कुछ पुलिसकर्मी उनके इस सपनों को चकनाचूर करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसा ही कुछ मोतिहारी के हरसिद्धि थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट में बयान दर्ज करवाने और एक्शन लेने की एवज में जांच अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति ने लग्जरी गाड़ी की डिमांड की है. इसका एक वीडियो भी इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है.
नहीं की कोई कार्रवाई
इस मामले में काफी समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब पीड़ित परिवार इसकी गुहार लगाते हुए फिर से थाना पर पहुंचा तो उसके केस की इंचार्ज महिला दरोगा पिंकी कुमारी ने अपने एक तथाकथित संबंधी की ओर से अलग ही जवाब दिलवाया, जो ऑडियो क्लिप अब पूरे जिले में तेजी से वायरल हो रही है. इस वायरल ऑडियो में महिला दरोगा पिंकी कुमारी और उनका एक संबंधी जो की बयान कलमबद्ध कर रहा था.
बयान दर्ज करवाने की एवज में लग्जरी गाड़ी की डिमांड
वह वायरल ऑडियो में पीड़िता के परिवार से कोर्ट में बयान दर्ज करवाने की एवज में लग्जरी गाड़ी की डिमांड करता हुए सुने जा सकता हैं. लेकिन पीड़ित परिवार इसके लिए सक्षम नहीं होने की बात कहते हुए उनकी इस नाजायज मांग को अनसुना कर देता है. साथ ही महिला दारोगा और उनके संबंधित व्यक्ति की ओर ये भी कहा गया कि केस करोगे तो पैसा खर्च करना ही पड़ेगा क्योंकि अदालत में भी पेशकार और चपरासी को पैसा देना पड़ेगा.
48 घंटे बाद कराया मेडिकल
वायरल हुए इस ऑडियो क्लिप को सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक ने इस ऑडियो क्लिप की जांच का जिम्मा अरेराज एसडीपीओ को सौंपा था. जांच में मामला सही पाए जाने पर मोतिहारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने कड़ी कार्रवाई करते हुए महिला दारोगा पिंकी कुमारी को तत्काल निलंबित करते हुए उन्हें लाइन क्लोज कर दिया है. यहां बता दे कि इस दुष्कर्म के मामले में 48 घंटे के बाद जानबूझकर एफआईआर दर्ज की गई थी, ताकि मेडिकल कराने के बाद कोई सबूत न मिलने पाए और इतना से भी नहीं मन भरा तो पीड़िता के गरीब परिजनों को फोन कर ऑटो नहीं लग्जरी गाड़ी लाने की हिदायत दी गई.
महिला दरोगा सस्पेंड
इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने महिला दरोगा को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन देखना अब यह होगा कि इस मामले में बाकी आरोपियों पर कब तक और क्या कार्रवाई होगी. इस तरह की घटनाओं ने एक बार फिर प्रदेश पुलिस की छवि को धूमिल करने का काम किया है.