मुर्शिदाबाद हिंसाः STF ने ओडिशा से 8 लोगों को किया गिरफ्तार, मजदूर के भेष में छिपे थे दंगाई

वक्फ एक्ट के खिलाफ पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर बवाल मचा हुआ है. इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई. इस बीच बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 8 लोगों को ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले से हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि ये लोग मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में शामिल थे. इन लोगों में जियाउल हक के दो बेटे भी शामिल हैं. जियाउल हक जाफराबाद में एक व्यक्ति और उसके बेटे की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है.
जानकारी के मुताबिक, ये सभी आरोपी ओडिशा के बनहरपाली थाना क्षेत्र में मजदूरी का काम कर रहे थे. ईद के बाद वे मुर्शिदाबाद गए थे, जहां उन्होंने वक्फ अधिनियम को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में भाग लिया. इसके बाद वे वापस झारसुगुड़ा लौट आए और मजदूर बनकर काम करने लगे.
बंधबाहाल इलाके में छिपे थे जियाउल हक के बेटे
इस बीच STF को सूचना मिली कि जियाउल हक के दो बेटे झारसुगुड़ा जिले के बंधबाहाल इलाके में छिपे हुए हैं. इसके बाद बंगाल पुलिस की टीम ने बंधबाहाल में छापा मारा और दोनों को हिरासत में ले लिया. पूछताछ के दौरान STF ने इन लोगों के मोबाइल रिकॉर्ड की जांच भी शुरू कर दी , ताकि यह पता चल सके कि ये लोग हिंसा के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे या नहीं.
SIT ने की हिंसा में शामिल 35 आतंकवादियों की पहचान
इधर मामले की जांच कर रही एसआईटी ने हिंसा में शामिल 35 आतंकवादियों की पहचान की है. इसमें से ज्यादातर आरोपी सीमा पार करके देश में घुसे थे. पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी टीम की जांच में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (Ansarullah Bangla Team, ABT) के साथ इन लोगों के तार जुड़े दिख रहे हैं. ABT बांग्लादेश का एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. वहीं अब तक इस मामले में 290 लोगों को पकड़ा गया है.
हिंसा में 3 लोगों की मौत
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए. प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, वहीं कई वाहनों में आग लगा दी, जिसमें पुलिस के वाहन भी शामिल हैं. दहशत की वजह से हिंदू समुदाय के लोग अपना घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हो गए. हालांकि फिलहाल हालात बेहतर हैं. सुरक्षाबलों की कई टीमें तैनात की गई हैं जो चप्पे-चप्पे पर नजर रख रही हैं.