वक्फ बिल के विरोध में जल रहा है मुर्शिदाबाद, पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की चाय की चुस्कियों वाले पोस्ट क्यों मचा है बवाल? जानें वजह

वक्फ बिल के विरोध में मुर्शिदाबाद हिंसा की आग में जल रहा है. मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है. हिंसा की चपेट में बहरामपुर ही नहीं, यह सुती, शमसेरगंज, धुलियान और जंगीपुर भी है. मुर्शिदाबाद की अशांति स्थिति के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और वहां सेंट्रल फोर्स की तैनाती की गई है, लेकिन इस हिंसा के बीच यह सवाल उठ रहा है कि मुर्शिदाबाद जिले के बरहरामपुर के तृणमूल कांग्रेस और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान कहां हैं?
हिंसा के बीच यूसुफ पठान ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की है. तस्वीर में देखा जा सकता है कि युसूफ पठान पेड़ों से ढके एक शांतिपूर्ण वातावरण में खुले आसमान के नीचे खड़े हैं. वह एकांत में खड़ा होकर सुहावनी दोपहर का आनंद ले रहे हैं और चाय की चुस्की लगा रहे हैं. उन्होंने पोस्ट में लिखा-सुखद दोपहर, अच्छी चाय और शांत वातावरण. बस इस पल का आनंद ले रहा हूं
लेकिन जैसे ही उन्होंने इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, विवाद की आग जंगल की आग की तरह फैल गई. क्योंकि इस समय यूसुफ पठान के संसदीय क्षेत्र का जिला जल रहा है.
यूसुफ पठान के चाय की चुस्की वाले पोस्ट से घमासान
संशोधित वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उसके बाद पैदा हुई अशांति के कारण मुर्शिदाबाद में स्थिति इतनी गर्म हो गई है कि पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी हैं. मुर्शिदाबाद में अशांति पिछले मंगलवार, 8 अप्रैल को शुरू हुई. पहली हिंसा जंगीपुर में वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की.
इसके बाद धीरे-धीरे अशांति सुती और शमसेरगंज तक फैल गई. मुर्शिदाबाद के बड़े इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. शुक्रवार को हिंसा को शांत करने के लिए पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाईं. इसमें एक की मौत हो गई. बाद में उग्र भीड़ ने पिता-पुत्र की हत्या कर दी.
कई लोग सांसद की ‘आरामदायक दोपहर’ को लेकर सवाल उठाया है. उनकी पोस्ट के नीचे एक के बाद एक प्रश्नचिह्न उभर रहे हैं – “क्या आपको मुर्शिदाबाद की खबरें मिलती रहती हैं?” संयोगवश यूसुफ ने उसी दिन, शुक्रवार को ही इंस्टाग्राम पर चाय की तस्वीर पोस्ट की. उन्होंने पोस्ट में एक अंग्रेजी गाना भी जोड़ा.
यूसुफ की पोस्ट के बाद विपक्ष ने एक साथ हमला शुरू कर दिया. यहां तक कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर भी कुछ लोग ‘बाहरी’ सांसद का मजाक उड़ा रहे हैं. जब उन्हें बहरामपुर से पांच बार के कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी के खिलाफ मैदान में उतारा गया, तो कई लोगों ने कहा कि बाहर से ऐसे सितारे पश्चिम बंगाल में आकर चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर लोगों के बीच नहीं रहते हैं.
अशांति के बीच यूसुफ की पोस्ट से एक बार फिर पता चला कि वह वास्तव में मुर्शिदाबाद से बहुत दूर हैं. शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से. कई लोगों ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया है कि क्या तृणमूल सांसद को पता भी है कि वहां क्या हो रहा है.
भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने उठाए सवाल
इस संबंध में राज्य भाजपा सांसद और मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, यूसुफ पठान कौन है? एक क्रिकेटर. राजनीतिज्ञ नहीं. तृणमूल ने उन्हें बहरामपुर से टिकट क्यों दिया? सिर्फ अपनी धार्मिक पहचान का उपयोग करने के लिए. इसलिए स्वाभाविक रूप से, यूसुफ का राजनीति या मुर्शिदाबाद जिले के आम लोगों की जिंदगी की हलचल से कोई संबंध नहीं है. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों से यह स्पष्ट है. तृणमूल केवल मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने के लिए राजनीति करती है. वे आम लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए राजनीति नहीं करते हैं. इसका प्रमाण मुर्शिदाबाद जिले से निर्वाचित सांसद की यह तस्वीर है.”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया पर लिखा, ”मालदा-मुर्शिदाबाद में अशांति के बीच तृणमूल सांसद चाय पीते हुए अपनी तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं! ऐसा तब होता है जब बाहरी लोगों को बंगालियों के प्रतिनिधि के रूप में लाया जाता है, “शर्मनाक.”
अधीर चौधरी को हराकर सांसद बने हैं युसूफ पठान
पूर्व सांसद अधीर चौधरी यूसुफ या उनकी पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा, “मुझे इस सब पर टिप्पणी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.” मुर्शिदाबाद के हालात के बारे में उन्होंने कहा, ”मालदा दक्षिण में हमारे कांग्रेस सांसद ईशा खान चौधरी हैं. कल मैंने उनसे शमशेरगंज जाने को कहा था. ईशा रविवार को वहां गए थे. उन्हें एक निश्चित क्षेत्र तक जाने की अनुमति दी गई है. वे स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.” अधीर ने आगे कहा, ”मुर्शिदाबाद में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे स्थानीय तृणमूल प्रतिनिधियों का हाथ है. कोई भी धार्मिक व्यक्ति इस सब को लेकर उत्साहित नहीं है. यह सब कुछ गुंडों और गुंडों ने किया है.” अधीर ने कहा कि वे मंगलवार को खुद शमशेरगंज जाएंगे. बता दें कि अधीर चौधरी को ही हराकर युसूफ पठान सांसद बने हैं.
हुमायूं कबीर, भरतपुर से तृणमूल विधायक हैं, जो पठान लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. बिना किसी हिचकिचाहट के उन्होंने कहा, “शुरू में मैं यूसुफ पठान को वोट देने में अनिच्छुक था. मैं मुख्यमंत्री की बातों से सहमत हूं, लेकिन यह हमारा दुर्भाग्य है, बरहामपुर के लोगों का दुर्भाग्य है. यह सच है कि एक खिलाड़ी ने वोट जीता, लेकिन वह लोगों के सुख-दुख में ध्यान नहीं दिया. जब लोग संकट में होते हैं, तो वे आनंद ले रहे हैं.”