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AGR बकाया: सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया वोडाफोन का प्रस्ताव, कहा- नहीं मिलेगी कोई मोहलत

समायोजित सकल आय (एजीआर) मामले में उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन का सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये तथा शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया चुकाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसके अलावा न्यायालय ने कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने से उसे राहत भी नहीं दी।न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वोडाफोन की ओर से पेश हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी द्वारा सौंपे गए प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दि

या। रोहतगी ने कहा कि कंपनी ने उसके ऊपर एजीआर के सांविधिक बकाए में से सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये तथा शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये और चुकाने का प्रस्ताव न्यायालय के समक्ष रखा था। साथ ही कंपनी ने अनुरोध किया कि उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना की जाए। वोडाफोन आइडिया पर अनुमानित 53 हजार करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया है।

वोडाफोन आइडिया ने शनिवार को कहा कि वह इसका आकलन कर रही है कि एजीआर बकाए को लेकर कितना भुगतान किया जा सकता है। दरअसल  सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2019 को दिये फैसले में कहा था कि दूरसंचार कंपनियों पर सम्मिलित रूप से 1.47 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। इन कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी तक बकाए का भुगतान करने को कहा था, लेकिन रिलायंस जियो के अलावा  किसी भी कंपनी ने अभी तक भुगतान नहीं किया है।

किस पर कितना है बकाया
उपलब्ध अंतिम अनुमान के हिसाब से ब्याज और जुर्माने सहित सभी कंपनियों पर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है। एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 53 हजार करोड़ रुपये, टाटा टेलीसर्विसेज पर 13,800 करोड़ रुपये, बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ रुपये और एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है। सरकारी कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल ने भी अब तक भुगतान नहीं किया है। हालांकि एयरटेल ने सोमवार को  दूरसंचार विभाग को 10,000 करोड़ रुपये के सांविधिक बकाये का भुगतान कर दिया है।

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