पिथौरागढ़ पहुंचा पंत का पार्थिव शरीर, दोपहर बाद राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

देहरादूनः उत्तराखंड के दिवंगत वित्त मंत्री प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर देहरादून में श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पिथौरागढ़ पहुंच गया है। दोपहर बाद स्वर्गीय पंत का अंतिम संस्कार यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू विशेष विमान से पिथौरागढ़ पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ में पार्थिव शरीर को पहले बीजेपी कार्यालय सम्पूर्णानंद पार्क में जनता व कार्यकर्ताओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर पंत निवास खटकोट ले जाया जाएगा। वहां कुछ समय रुकने के बाद अंतिम यात्रा प्रारम्भ होगी और रामेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इससे पहले स्व. पंत का पार्थिव शरीर विशेष विमान से अमेरिका से नई दिल्ली और वहां से विशेष एयर एम्बुलेंस से देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे लाया गया। यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकाश पंत के पार्थिव शरीर को नमन किया। वहीं कैबिनेट के सभी मंत्री, विधायक मुख्य सचिव उत्पल कुमार और डीजीपी अनिल रतूड़ी के साथ गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और लोगों ने पंत के अंतिम दर्शन किए। पुलिस के जवानों ने पंत को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी।
उल्लेखनीय है कि, कैंसर पीड़ित प्रकाश पंत का का लंबे समय से उपचार चल रहा था। नई दिल्ली में पिछले हफ्ते राजीव गांधी कैंसर अस्पताल के डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें अमेरिका के टेक्सास में भर्ती करवाया गया था, जहां मंगलवार को उनका निधन हो गया। पंत की बीमारी के कारण उनके सभी विभाग-संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं।
बता दें कि, पंत का जन्म 11 नवम्बर 1960 को ग्राम खड़कोट, पोस्ट पिथौरागढ़, जिला पिथौरागढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहन चन्द्र पंत और माता का नाम कमला पंत था, और उनकी पत्नी का नाम चन्द्रा पंत है। स्नातक के साथ फार्मेसी में डिप्लोमा हासिल करने वाले पंत ने 1984 में सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे दिया फिर उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने कई साहित्यिक रचनाओं को भी पुस्तक रूप में लिखा। वह 1977 से छात्र राजनिति में सक्रिय रहने के बाद वह 1988 में नगर पालिक परिषद पिथौरागढ़ में सदस्य निर्वाचित हुए। फिर वह 1998 में विधानसभा उत्तर प्रदेश में सदस्य निर्वाचित हुए।
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद साल 2001 में प्रथम विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। 2002 में पिथौरागढ़ विधानसभा से सदस्य निर्वाचित होने के बाद वर्ष 2007 में गठित राज्य की द्वितीय निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए। साल 2017 में वह चतुर्थ निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए।