ब्रेकिंग
बिना मराठी सीखे धाम वापस नहीं लौटूंगा… भाषा विवाद के बीच अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान जम्मू-कश्मीर: CM उमर ने गेट फांदकर पढ़ी नक्शबंद साहब में फातिहा, पुलिस पर हाथापाई के आरोप किसानों के लिए यूपी सरकार ने शुरू की ये स्कीम, ऐसे मिलेगा फायदा असीम घोष होंगे हरियाणा के नए राज्यपाल, बीजेपी नेता कविंदर गुप्ता को लद्दाख की जिम्मेदारी नेपाल में ISI कैंप गया, माफिया अतीक से भी नाता…शातिर छांगुर बाबा के डार्क सीक्रेट जेलों में बढ़ता कट्टरपंथ बनी चुनौती, सरकार ने सभी राज्यों को दिए ये निर्देश पहलगाम में हमला सुरक्षा चूक थी…LG मनोज सिन्हा बोले- मैं जिम्मेदारी लेता हूं निमिषा प्रिया ही नहीं, इतने भारतीयों पर दुनिया की जेलों में लटक रही सजा-ए-मौत की तलवार मुंबई के आर्थर रोड जेल में गैंगवार, कुख्यात प्रसाद पुजारी सहित 8 के खिलाफ केस दर्ज बिहार में नेपाली, बांग्लादेशी और म्यांमार के लोग भी वोटर! नाम कटा तो किसे होगा सियासी नुकसान
मध्यप्रदेश

लॉकअप में 24 घंटे से अधिक बंद रखने के बाद छोड़ा, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

जबलपुर। गोरखपुर पुलिस घर से बलपूर्वक ले गई और लॉकअप में बंद कर दिया था। पुलिस ने किसी प्रकरण में कोई पूछताछ किए बिना दूसरे दिन छोड़ दिया। थाने से छोड़ने का उल्लेख रोजनामचा सान्हा में किया गया है। पुलिस द्वारा 24 घंटे से अधिक अवैधानिक रूप से बंधक बनाए रखे जाने को हाई कोर्ट में याचिका दायर की चुनौती दी गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया के एकलपीठ ने गृह सचिव सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका के कारण अभिरक्षा में लिया

 

नर्मदा रोड,जबलपुर निवासी अजीत सिंह आनंद की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि गोरखपुर पुलिस 20 जून की सुबह सात बजे घर से उठाकर ले गई थी। गोरखपुर पुलिस स्टेशन ले जाकर उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया। उसके दूसरे दिन 21 जून की सुबह पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया। थाने से छोड़े जाने का उल्लेख पुलिस रोजनामचा सान्हा में किया गया है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका में कारण वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर उसे अभिरक्षा में लिया गया है।

 

अवैधानिक तरीके से पुलिस लॉकअप में रखा गया था

याचिका में कहा गया था कि बिना अपराध उसे अवैधानिक तरीके से पुलिस लॉकअप में रखा गया था। याचिकाकर्ता की तरफ से पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी गई है। याचिका में गृह सचिवएपुलिस अधीक्षक जबलपुर, तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद चौबे सहित अन्य को अनावेदक बनाया गया था। एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई एक जुलाई को निर्धारित की गई है।

Related Articles

Back to top button