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Delhi election 2020: AAP और भाजपा का प्रचार जोरों पर, कांग्रेस गायब

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 8 फरवरी को होने वाले हैं जिसके लिए प्रमुख दावेदार भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) का चुनाव प्रचार बड़े जोरों पर है लेकिन इस प्रचार में सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस गायब दिखाई दे रही है। दिल्ली की सत्ता क लिए काबिज होने के लिए AAP और भाजपा के बीच बड़ा जबरदस्त मुकाबला होने जा रहा है लेकिन फिलहाल कांग्रेस इसमें नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस ने 1998 के बाद लागातर 15 साल तक दिल्ली में सरकार बनाई थी लेकिन इस बार वो इस मुकाबले में कहीं दिख नहीं रही है। कांग्रेस के धीमे चुनाव प्रचार का एक प्रमुख कारण जो माना जा रहा है वो-स्टार प्रचारकों और चुनावी रणनीतिकारों के बीच तालमेल का अभाव।

कांग्रेसी प्रत्याशियों की तरफ से कैप्टन अमरेंद्र सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नवजोत सिंह सिद्धू की मांग की जा रही है मगर इन नेताओं के बीच चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तय नहीं हो रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के चुुनाव प्रचार के आखिरी हफ्ते में रैलियों को संबोधित करने की संभावना है लेकिन इस बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रचार में शामिल होनी की स्पष्ट स्थिति नहीं दिख रही है।

कंग्रेस ने दिल्ली में 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं और उनकी मदद के लिए विभिन्न राज्यों से 66 प्रचारकों और 19 सासंदों की सूची तैयार की है मगर यह नेता अभी तक उम्मीदवारों की मदद नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस अल्प संख्यक वोटों पर निर्भर है। वहीं एक वर्ग का कहना है कि मुसलमान वोटर कांग्रेस नेताओं की खामोशी के कारण AAP के साथ जाने की तैयारी में हैं। यह मुसलमान शाहीन बाग के लेकर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का साथ देंगे।

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