बिहार के बच्चे को कानपुर में बनाया बंधक, पिता का आरोप- बेटे से टॉयलेट साफ करा रहे थे, पुलिस ने कैसे बचाया?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक नाबालिग बच्चे को बंधक बना कर घर के काम करने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है. बच्चा के पिता का नाम भगवान है. पिता ने पुलिस को सूचना दी कि उसका बच्चा कानपुर के बी ब्लॉक गोविंद नगर में बंधक बना हुआ है. पुलिस मौके पर पहुंची और वहां 12 वर्षीय लड़के को बंधन मुक्त किया. लड़के ने बताया कि वह मूलतः बिहार के मोतिहारी जिले के तरनियाघाट का निवासी है और हाल ही में अपने माता-पिता के साथ गुड़गांव, हरियाणा में रहता था.
कानपुर आने से पहले उसे तीन महीने पहले, पप्पू यादव नामक व्यक्ति ने उसे और उसके चचेरे भाई को पैसे कमाने का लालच देकर लखनऊ भेज दिया था, जहां उसे घर के काम करने के लिए रखा गया था. लड़के का आरोप था कि वहां उसे लैट्रिन साफ करने के अलावा किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया.
घर जाने की बात पर कर दी पिटाई
लड़के ने बताया कि एक माह पहले उसे लखनऊ से कानपुर भेज दिया गया, जहां वह घर मालिक साक्षी आनंद और अंकित आनंद के बच्चों की लैट्रिन साफ कर रहा था. होली के दौरान घर जाने की इच्छा जताने पर, साक्षी ने उसे मना कर दिया और उसकी पिटाई भी की.
मानव तस्करी का बड़ा नेटवर्क
बिहार में मानव तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जो बेरोजगारों को जॉब दिलाने के नाम पर उन्हें फंसाता है. यह गिरोह देश के विभिन्न राज्यों में फैल चुका है. यह तस्कर बेरोजगारों को झांसा देकर उन्हें मानव तस्करों के चंगुल में फंसा लेता है.
एजेंट अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते हैं और वहां के बेरोजगार युवकों को अपना शिकार बनाते हैं. उनके द्वारा दिए गए झूठे वादों के कारण ये लोग आसानी से उनका शिकार बन जाते हैं. बाद में, इन पीड़ितों को न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, बल्कि उन्हें अक्सर गलत कामों के लिए मजबूर किया जाता है.
मानव तस्करी का मामला हुआ दर्ज
कानपुर स्थित घर के मालिक अंकित आनंद ने पुलिस को बताया कि उनके ससुराल वाले, सुनील मलिक, के घर से एक माह पहले यह लड़का काम करने के लिए आया था और इसके लिए पप्पू यादव को 30,000 रुपये दिए गए थे. पुलिस ने मानव तस्करी और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. मौके से अंकित आनंद को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जांच कर रही है.
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