चैत्र कृष्ण| चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानी बुधवार को लोकपर्व बास्योड़ा भक्ति भाव से मनाया गया। शीतला माता की पूजा की गई। ठंडे पकवानों से का भोजन ग्रहण किया गया। साथ ही प्रसादी भी चढ़ाई गई।
राजस्थान में चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी यानी बुधवार को लोकपर्व बास्योड़ा भक्ति भाव से मनाया गया। महिलाएं सुबह से मंगल गीत गाते हुए शीतला माता के मंदिर में पहुंचीं। इस मौके पर घरों और मंदिरों में सुख-समृद्धि एवं आरोग्य की कामना से शीतलामाता की पूजा-आराधना की गई। इसके बाद महिलाओं ने माता की कहानी सुनी। इस दौरान शीतला माता की जल, दूध, दही, हल्दी, अक्षत आदि से पूजा कर ठंडे पकवानों का भोग अर्पित किया। घरों में भी लोग ठंडे पकवानों का ही सेवन करेंगे। इससे पूर्व मंगलवार को राधांपुआ मनाया गया। इसमें बास्योड़े पर शीतला माता की पूजा के लिए घरों में पुआं-पकोड़ी, रोटी- राबड़ी, कढ़ी, चकी, पापड़ी, पेठा, सरकरपारा मूंगथाल, सहित अनेक प्रकार के पकवान बनाए गए।
शील की डूंगरी पर आज भरेगा मेला
शीतला अष्टमी के मौके पर बुधवार को चाकसू में शील की डूंगरी पर शीतला माता का मेला आयोजित होगा। इसमें स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दराज के गांवों से श्रद्धालु शीतला माता को ढोक लगाने पहुंचेंगे। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से 300 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
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