महाराष्ट्र में मनोज जरांगे मराठा को अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस बीच बुधवार को राज्य की शिंदे सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. शिंदे सरकार ने महाराष्ट्र में 15 जातियों को ओबीसी की सूची के लिए अनुशंसित किया है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की सूची में नई जातियों को शामिल करने की सिफारिश की है. इसलिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुशंसित जातियों को ओबीसी में शामिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से जातियों की सूची केंद्र सरकार को सौंप दी गई है. इन सभी 15 जातियों की आबादी करीब 10 लाख है.
‘इन’ जातियों को ओबीसी में शामिल किया जाएगा
- बड़गुजर
- सूर्यवंसी गूजर
- गूजर को ले लो
- रेव गूजर
- रेवा गुजर
- पोवार, भोयर, पवार
- कॉफी की दुकान
- मुन्नार कापेवार
- मुन्नार को काट दो
- तेलंगाना
- तेलंगी
- पेंटर रेड्डी
- इंतज़ार
- लोढ़ा लोढ़ा लोधी
- डंगरी
चुनाव में महायुति को मिल सकता है फायदा
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य की 15 जातियों को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की है. अगर इन 15 जातियों को राज्य में ओबीसी कोटे में आरक्षण मिलता है तो इसका सीधा फायदा आगामी चुनाव में महायुति को मिलने की संभावना है. क्योंकि राज्य में इन 15 जाति के नागरिकों की आबादी 10 लाख है. इसलिए 10 लाख वोटों की संख्या महागठबंधन के लिए फायदेमंद हो सकता है.
इस बीच सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में कैबिनेट की ओर से एक और बड़ा फैसला लिया जा सकता है. इससे आरक्षण का लाभ पाने वाले ओबीसी, मराठा और अन्य समुदायों को काफी फायदा होगा. सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि गुरुवार की सुबह ग्यारह बजे सह्याद्रि गेस्टहाउस में कैबिनेट बैठक होनी है.
मराठा को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं जरांगे
बता दें कि मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल की मांग है कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण मिले. अपनी मांगों को लेकर मनोज जारांगे बार-बार आक्रामक नजर आ रहे हैं. मनोज जरांगे ने चेतावनी दी है कि अगर राज्य सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति को हार का सामना करना पड़ेगा. एक तरफ जहां मनोज जरांगे मराठों को ओबीसी से आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं. वहीं राज्य सरकार ने ओबीसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
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