चलता-फिरता देसी दारू का ठेका, दुकान में नहीं पहियों पर मिलती है यहां शराब

उत्तर प्रदेश के इटावा में शराब संचालक का अनोखा ठेला इन दिनों खूब वायरल हुआ है. यहां शराब दुकान में नहीं बल्कि ठेले पर मिल रही है. ऐसा करने के पीछे शराब संचालक ने वजह भी बताई. उसका कहना है कि गांव में उसे ठेका खोलने के लिए कोई भी अपनी दुकान किराए पर नहीं दे रहा था. मजबूरन उसे यह कदम उठाना पड़ा. गांव वालों का कहना है शराब संचालक का जहां मन होता है वो कार रोककर शराब बेचना शुरू कर देता है.

गांव वालों का कहना है कि सरकारी विभाग के अधिकारियों को इसका पता है. फिर भी वे लोग इससे अंजान बने हुए हैं. शराब संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे. मामला लवेदी थाना क्षेत्र के ग्राम दुर्गापुरा का है. चालू वित्तीय वर्ष के मई महीने में देसी शराब ठेके की स्वीकृति हुई है. ठेका संचालक देसी शराब के ठेके को किसी दुकान या भवन में संचालित न कर अपनी निजी कार में ही शराब बेच रहा है.

शराब की पेटियों को कार में डालकर वह गांव में जगह-जगह घूमता है. गांव वालों का कहना है कि उसका जहां मन करता है वो कार खड़ी कर देता है. कार के बाहर बैनर लगा देता है कि यहां शराब बिक रही है. फिर वहां कई खरीददार आकर शराब खरीदते हैं. गांव वाले चाहते हैं कि शराब संचालक के खिलाफ एक्शन लिया जाए. उन्होंने कहा कि शराब संचालक की इस हरकत के बारे में सरकारी अधिकारियों को पता भी है. फिर भी वो इसे नजरअंदाज कर रहे हैं.

शराब संचालक ने बताई मजबूरी

जब शराब संचालक से इस बारे में पूछा गया तो उसने अपनी मजबूरी बताई. कहा कि उसे शराब का ठेका खोलने की स्वीकृति को मिल गई. लेकिन गांव में कोई भी उसे शराब का ठेका खोलने की अनुमति नहीं दे रहा. कोई भी उसे किराए पर दुकान नहीं दे रहा जहां वो अपना ठेका संचालित कर सके. ऐसे में उसने कार में ही शराब बेचनी शुरू कर दी. शराब संचालक ने कहा, ‘मैं दुकान पर ही शराब बेचना चाहता हूं. लेकिन कोई भी मुझे किराए पर दुकान देने को तैयार ही नहीं है. इसी मजबूरी के चलते मैंने शराब बेचने का यह तरीका अपनाया.’

विभाग लेगा एक्शन

जिला आबकारी अधिकारी विजय पाल सिंह ने बताया कि 15 मई को शराब संचालक को ठेका खोलने की परमिशन मिली थी. दुकान न मिलने के कारण वह कार में शराब बेच रहा है. मामला हमारे संझान में आया है. इस तरह शराब बेचना कानून का उल्लंघन है. विभाग इसके खिलाफ एक्शन जरूर लेगा.

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