हरिद्वारः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एलान किया कि अगले साल जनवरी में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी और उसके लिए कानून बना दिया जाएगा। धामी ने हरिद्वार में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के आचार्य पद पर 25 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक सम्मेलन में शिरकत करते हुए यह घोषणा की। इसका सभी मौजूद साधु-संतों ने ताली बजाकर स्वागत किया और मुख्यमंत्री को साधुवाद दिया। धामी ने दूसरे दिन भाग लिया। रविवार को इस दिव्य आध्यात्मिक सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने किया था।
धामी ने कहा कि साधु-संतों द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के लिए लंबा संघर्ष किया और बलिदान दिया और जो साधु संतों ने अयोध्या में दिव्य राम मंदिर का सपना देखा था वह अब पूरा हो रहा है। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और साधु संतों तथा राम भक्तों का राम जन्मभूमि बनने का सपना पूरा हो रहा है, यह पूरे संत समाज एवं राम भक्तों के लिए सबसे खुशी का दिन है। उन्होंने कहा कि जनवरी में राम लाल अपने स्थान पर विराजमान हो जाएंगे, जिसके लिए कई कार सेवकों ने बलिदान दिए और आज उसी की देन है की राम मंदिर बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से कश्मीर में धारा 370 हटाने की बात चल रही थी और वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दृढ़ संकल्प के कारण धारा 370 हटा दी गई। उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले हमने राज्य की जनता से राज्य में सत्ता में फिर से वापस आने पर समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का वादा किया था। उत्तराखंड की जनता ने हमें फिर से सत्ता पर बिठाया। हमने जनता से जो वादा किया था, उसे पूरा करने की दिशा में कदम उठाया।
धामी ने कहा कि आज साधु संतों की इस दिव्य और आध्यात्मिक सभा में मैं आदरणीय संत जनों को बताना चाहूंगा कि हमारे द्वारा उत्तराखंड राज्य में कई कठिन फैसले लिए गए हैं, जिसमें लैंड जिहाद एक महत्वपूर्ण फैसला है, जिसके तहत उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर हुए 5000 एकड़ से भी अधिक अतिक्रमण को हमारी सरकार द्वारा खाली करवाया गया है। समान नागरिक संहिता पर बोलते हुए धामी ने कहा कि समान नागरिकता कानून पर हमारी राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है और मैं आज साधु संतों के बीच इस मंच पर ऐलान करता हूं कि अगले साल जनवरी में हमारे द्वारा उत्तराखंड राज्य में समान नागरिकता कानून लागू किया जाएगा। साथ ही यह कानून लागू करने वाला हमारा राज्य देश का पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है और जल्दी ही वह हमें ड्राफ्ट देने वाली है यह ड्राफ्ट मिलते ही हम राज्य में समान नागरिक संहिता कानून बनाने की दिशा में काम करेंगे तथा उसे राज्य में लागू कर देंगे।
धामी ने कहा कि साधु संतों ने हमेशा सनातन संस्कृति की रक्षा की है और उसको बचाने के लिए साधु संतों ने अपना बलिदान दिया है उन्होंने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी का जीवन हमेशा भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ने का रहा है। उन्होंने अपने 25 सालों के आचार्य महामंडलेश्वर के कार्यकाल में 10 लाख नागा साधुओं को दीक्षा देने का ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संत ज्ञान का गंगा प्रवाहित करते हैं। जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने कहा कि धामी का जीवन हमेशा साधु संतों और भारतीय संस्कृति को संरक्षण देने और उसका संवर्धन करने का रहा है साधु संत उन्हें आशीष प्रदान करते हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि धामी युवा हिंदू हृदय सम्राट है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सनातन धर्म की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं और साधु संत उन्हें अपना आशीष प्रदान करते हैं, जिस पर सभी साधु संतों ने करतल ध्वनि से मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
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