रेलवे स्टेशन पर आवारा पशुओं का डेरा, यात्रियों की जान को खतरा

नागदा। शहर में आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रमुख मार्गों के अलावा अब रेलवे स्टेशन परिसर में जमघट लगा रहता है। प्लेटफार्म पर भी पशु घूमने लगे हैं। डीआरएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधीनस्थ अधिकारियों का गेट पर लगे काऊ कैचर को ठीक करने के आदेश दिए थे। अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे यात्रियों की जान का खतरा बना हुआ है।

आवारा पशुओं और श्वानों की शहर में लगातार संख्या बढ़ती जा रही है। इसका असर रेलवे परिसर के प्लेटफार्म पर भी दिखाई दे रहा है। रेलवे स्टेशन परिसर में बड़ी संख्या में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। स्टेशन परिसर के साथ आवारा पशु प्लेटफार्म पर भी घूमने लगे हैं। प्लेटफार्म पर ट्रेन आने के समय आवारा पशु मार दे तो यात्री ट्रेन की चपेट में आ सकता है।

डीआरएम के समक्ष उठा था मामला

कुछ दिन पूर्व ट्रेन के स्टापेज के कार्यक्रम में नागदा आए डीआरएम के समक्ष मामला उठा था। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआरएम ने अधीनस्थ अधिकारी को रेलवे गेट पर लगे काउ कैचर को ठीक करने के निर्देश दिए थे। इस ओर अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया, जिससे आवारा पशु रेलवे प्लेटफार्म पर घूम रहे हैं।

बता दे कि कुछ दिन पूर्व नगर पालिका परिषद ने श्वान और आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान चलाने की घोषणा कर कार्रवाई की थी। इसके बाद मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया। नगरपालिका के लिए आवारा पशुओं को शहर से बाहर करना छोटा सा काम है।

कई लोग हुए हैं घायल

आवारा पशुओं से शहरवासियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। हर गली मोहल्लो में आवारा पशुओं के जमघट लग रहे हैं। पशुओं के आपस में लड़ने के कारण गली मोहल्लों में निवास करने वाले लोग सुरिक्षत नहीं हैं। कई लोग आवारा पशुओं का शिकार होकर घायल हुए हैं। श्वानों की ओर तो नपा ध्यान ही नहीं दे रही है। आए दिन श्वान राहगीरों को काटते हैं। सरकारी अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन भी खत्म हो गए हैं।

आवारा पशुओं के खिलाफ समय-समय पर मुहिम चलाकर बाहर छोड़ा जा रहा है। -सीएस जाट, सीएमओ, नागदा

काऊ कैचर के बीच बनी पेढ़ी को जल्द ठीक कराया जाएगा। आवारा पशुओं के मामले में नपा को कई बार शिकायत की। नपा अध्यक्ष से चर्चा कर पशुओं को बाहर भेजने की बात की जाएगी। -आरडी द्विवेदी, स्टेशन मास्टर

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