कटनी । बरही क्षेत्र के कुठिया महगवां गांव व उसके आसपास के क्षेत्रों में बाघ की दहशत बरकरार है। वन विभाग का अमला क्षेत्र में गश्त कर रहा है और लोगों को खेतों की ओर न जाने की सलाह दी गई है। बाघ की चहलकदमी कुआं से कुठिया महगवां गांव के बीच बनी हुई है। जहां पर एक खेत के पास ग्रामीणों ने बाघ को देखा था। बरही क्षेत्र से बांधवगढ़ नेशनल पार्क का एरिया लगा हुआ है और इसके चलते बाघ की चहलकदमी साल भर बनी रहती है। खेतों और नर्सरी में बाघ देखने को मिलता रहा है तो कई बार सड़क किनारे भी लोगों ने बैठे देखा।
दो-तीन दिन से आसपास के क्षेत्रों में बाघ के घूमने के संकेत मिले
पिछले दो-तीन दिन से कुठिया महगवां के आसपास के क्षेत्रों में बाघ के घूमने के संकेत मिले थे। शनिवार को बाघ गांव से दूर एक खेत में घूम रहा था। तभी एक किसान की नजर उसपर पड़ गई। बचने के लिए किसान पेड़ पर चढ़ गया था और आसपास के लोगों को आवाज लगाई। लोगों के शोर मचाने पर वह जंगल की ओर चला गया था। जिसके बाद से वन अमला लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहा है। रविवार को रेंजर डा. गौरव सक्सेना उड़नदस्ता के साथ कुठिया महगवां पहुंचे और क्षेत्र का भ्रमण किया।
ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें खेतों की ओर न जाने की सलाह
ग्रामीणों से चर्चा कर उन्हें खेतों की ओर न जाने की सलाह दी। साथ ही फसलों को नुकसान होने पर वन विभाग की ओर से मुआवजा दिलाने की बात भी कही। इसके अलावा उड़नदस्ता क्षेत्र में लगातार निगरानी देर रात तक करता रहा लेकिन बाघ दिखाई नहीं दिया। रेंजर डा. सक्सेना ने बताया कि अभी बाघ क्षेत्र से चला गया है या नहीं,यह नहीं कहा जा सकता है। सुरक्षा को लेकर निगरानी की जा रही है और लोगों को समझाइश भी दी गई है।
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