भोपाल। स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी एसवीएल में भोपाल आथर कार्नर में 465 किताबों का संग्रह शामिल किया गया है। इसमें 200 किताबें भोपाल के लेखकों द्वारा लिखी गई हैं। इसमें हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में लिखी किताबों को शामिल किया है। इस बुक्स कलेक्शन को 16 जुलाई को डिस्प्ले पर लगाया जाएगा। जिसमें जाने-माने लेखकों समेत भोपाल के डाक्टर, आईएएस व आईपीएस अधिकारियों की किताबें है। इस संग्रह को 5 फरवरी 2017 को मात्र 50 किताबों से शुरू किया था। वर्तमान में किताबों की संख्या 465 के पार है। इन किताबों को कोई भी पाठक घर लेकर जा सकता है। इन किताबों में आपरेशन गंगा डायरी आफ ए पब्लिक सर्वेंट लेखक तरुण पिथोड़े, हलक का दरोगा लेखक मलय जैन, आफ द कैमरा लेखक ब्रजेश राजपूत, आधी रात का सच लेखक विजय मनोहर तिवारी, टू बी और नाट टू बी हैप्पी लेखक बी. मारिया कुमार, एक पुलिस अधिकारी की आत्मकथा लेखक आरके अग्निहोत्री, प्रशासनिक चिंतक लेखक डा. विजय अग्रवाल, द मास्टर केय टू सक्सेस लेखक एमएम उपाध्याय, परवरिश और अंतद्वंद्ध लेखक प्रीति जैन, अनलेस ए परफेक्ट रिदम सेट्स इन लेखक वीणा सिन्हा शामिल हैं।
वैदिक नारीशक्तियों पर पुस्तक विमोचन व संवाद
भोपाल। यंग थिंकर्स फोरम भोपाल के रीडिंग क्लब द्वारा शिवकुमार जीवी द्वारा लिखित पुस्तक ‘आर्या’ के विमोचन एवं संवाद का आयोजन शनिवार को शाम चार बजे से स्वामी विवेकानंद विवेकानंद पुस्तकालय में किया जाएगा। ‘आर्या’ पुस्तक वैदिक नारी-शक्ति के दस विभिन्न स्वरूपों की कहानियों का संकलन है। इसमें गार्गी, मैत्रेयी, चित्रांगदा, दमयंती, शकुंतला, सुभद्रा, माधवी, सत्यवती, उलुपी और शाण्डिल्यदुहिता शामिल हैं। पुस्तक की पात्र आर्या कभी छात्राणी, कभी साम्राज्ञी, कभी विदुषि, कभी मां आदि विभिन्न स्वरूपों में हमें चमत्कृत करती है। आर्या भारतवर्ष की एक सदाशक्ति स्वरूपा यशस्वी नारी है।लेखक शिवकुमार एनआईटी सूरत से स्नातक व आईआईटी मुम्बई से परास्नातक हैं। एक आईटी प्रोफेशनल होने के साथ वह वर्तमान में इंडिक अकादमी में शोध, लेखन व संपादन का कार्य करते हैं। वह वेद, महाभारत, इतिहास-पुराण व सभ्यता-संघर्ष के विषयों पर लेखन करते हैं।
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