श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से बल, बुद्धि, विद्या और धन की प्राप्ति होती है। साथ ही नंदी महाराज की पूजा करने से भी अधूरी इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं। धर्मग्रंथों के अनुसार, महादेव से पहले नंदी की पूजा की जाती है। भोलेनाथ नंदी के माध्यम से पूजा स्वीकार करते हैं। भक्तजन नंदी के माध्यम से पशुपतिनाथ तक अपनी मनोकामना पहुंचाते हैं।
मान्यता है कि स्वयं त्रयम्बक ने नंदी को वरदान दिया था। अगर कोई जातक अपनी इच्छा तुम्हारे कान में कहेगा तो उसकी इच्छा मुझ तक पहुंचेगी और शीघ्र पूरी होगी। इसलिए नंदी महाराज के कान में कामना कहने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।
नंदी के कान में कहें अपनी इच्छा
श्रावण मास में भगवान शंकर के अभिषेक का महत्व है। आप मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। अब बचा हुआ जल नंदी महाराज के पैरों पर डालें। अब अपनी इच्छा नंदी के कान में कहें।
सावन शिवरात्रि पर इन राशियों बरसेगी भगवान शिव की कृपा, खुल जाएगा बंद किस्मत का ताला
नंदी महाराज की पूजा करते करते समय पहले ऊँ का उच्चारण करना चाहिए। ऊँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिमूर्ति का प्रतीक है। इसलिए वैदिक मंत्रों के आरंभ में ऊँ का उच्चारण किया जाता है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.