अजब परीक्षा परिणाम केंद्र में गैरहाजिर को फर्स्ट डिविजन में कर दिया पास

जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के परीक्षा के परिणाम को अजीबों गरीब है। विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को भी प्रथम श्रेणी में पास किया है जो परीक्षा में गैरहाजिर है। छात्रों का दावा है कि वो परीक्षा में शामिल हुए फिर भी उन्हें गैरहाजिर बताया जा रहा है। प्रशासन के पास जब छात्र शिकायत लेकर पहुंचे तो लंबी कवायद के बाद उसमें सुधार हुआ लेकिन गलतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रशासन ने अंकसूची में बदलाव तो किया पर गलतियां बरकरार रखीं। एक बार फिर छात्र अंकसूची की दोबारा गड़बड़ी को दुरुस्त करवाने के लिए प्रशासन के अफसरों के चक्कर काट रहे हैं।

ऐसा परिणाम

महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन के बीकाम तृतीय वर्ष मार्च अप्रैल 2022 की परीक्षा का परिणाम आया। छात्र अनुज सेन पिता अनिल कुमार सेन की अंकसूची जारी हुई। जिसमें अनुज को टैक्स प्रोसिडियर एंड प्रैक्टिस ग्रुप के पेपर में गैरहाजिर बताया। उसे सप्लीमेंट्री दी गई। अनुज का दावा है कि उसने बकायदा विश्वविद्यालय के विक्रम साराभाई भवन में सभी पेपर दिए हैं। इसके बावजूद अंकसूची में उसे अनुपस्थित बताया गया। उसने सुधार के लिए आवेदन किया तो अनुज का परिणाम बदल गया। वह सप्लीमेंट्री से प्रथम डिवीजन में पास हो गया। इसके बावजूद अंकसूची में उसकी अनुपस्थिति दर्ज रखी गई। ये जरूर था कि जिस पेपर में उसे अनुपस्थित किया गया था उसके दूसरे पेपर में अंक 17 से बढ़ाकर 25 कर दिए गए। अब छात्र एक बार फिर अंकसूची की गड़बड़ी काे लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिल रहा है। उसका दावा है कि वह परीक्षा में शामिल हुआ इसके बावजूद उसे अनुपस्थित बताया जा रहा है जबकि प्रशासन के पास परीक्षा का उपस्थिति पत्रक भी नहीं है। जिससे पता किया जा सके कि वाकई छात्र उपस्थित था कि नहीं।

बीकाम तृतीय में प्रथम, मैनेजमेंट ग्रुप के दूसरे पेपर में अनुपस्थित बताया

महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट आफ हायर एजुकेशन के छात्र अक्षत नेमा का बीकाम तृतीय का रिजल्ट मार्च-अप्रैल 2022 का आया। एक अगस्त को अंकसूची जारी हुई उसमें अक्षत प्रथम डिवीजन से पास तो हुआ लेकिन मैनेजमेंट ग्रुप के दूसरे पेपर में अनुपस्थित बताया गया। छात्र ने इस गलती को सुधार के लिए आवेदन किया। बमुश्किल सुधार 14 सितंबर 2022 को सुधार हुआ। दूसरी अंकसूची जारी हुई जिसमें अक्षत के चतुर्थ पेपर ट्रैक्स प्रोसीड्यूर एंड प्रैक्टिस ग्रुप पेपर में अंक 17 से बढ़ाकर 24 कर दिए गए। उसके कुल अंक 400 में 250 से बढ़कर 264 हाे गए। तीसरे पेपर में अनुपस्थिति बरकरार रखी गई और अंकसूची में प्रथम डिवीजन से पास किया गया। इस अंकसूची के साथ छात्र अब फिर से सुधार करवाने के लिए परेशान हो रहा है।

अनुपस्थित में सप्लीमेंट्री का रिजल्ट

विश्वविद्यायल प्रशासन ने अंकसूची बनाई है उसमें यदि छात्र किसी पेपर में अनुपस्थित होता है तो अंकसूची में रिजल्ट सप्लीमेंट्री का बनता है। इसके अलावा हर छात्र परीक्षा के दौरान उपस्थिति पत्रक भरता है जिसमें पर्यवेक्षक और छात्र के हस्ताक्षर होते हैं । छात्र प्रशासन से उपस्थिति पत्रक की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रशासन फिलहाल पत्रक पेश नहीं कर पा रहा है।

परीक्षण करवाया जा रहा है जिसके आधार पर संसोधन किया जाएगा

रादुवि के कुलसचिव डा.दीपेश मिश्रा बोले- परीक्ष परिणाम को लेकर बेहद सतर्कता बरती जाती है। कुछ परिणाम में संभव है मानवीय त्रुटि हो गई हो जिसे संज्ञान में लाने पर तत्काल सुधार दिया जाता है। उक्त छात्रों का मामले में विभागीय स्तर पर परीक्षण करवाया जा रहा है जिसके आधार पर संसोधन किया जाएगा।

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