इंदौर। एमकेएचएस गुजराती कालेज की लापरवाही बीबीए और बीसीए के द्वितीय वर्ष के परीक्षार्थियों पर भारी पड़ने वाली है, क्योंकि सालभर तक कालेज के प्राध्यापक बीबीए की छात्राओं को ई-कामर्स का विषय पढ़ाते रहे, जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में यह पाठ्यक्रम का हिस्सा ही नहीं था।
छात्राओं को जब इसका पता चला तो शिक्षकों को बताया। आनन-फानन में कालेज प्रबंधन ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से चर्चा की। फिर विश्वविद्यालय ने इनकी परीक्षा डेढ़ माह आगे बढ़ा दी। इस बीच एनईपी में ई-कामर्स से मिलते-जुलते विषय की तैयारी आनलाइन कराने का सुझाव विश्वविद्यालय ने दिया है।
टाइम टेबल जारी हुआ तो समझ आई गलती
उल्लेखनीय है कि एमकेएचएस गुजराती कालेज में बीबीए द्वितीय वर्ष की छात्राओं को बीसीए का विषय ई-कामर्स पढ़ाया गया। मई-जून के बीच पाठ्यक्रम भी पूरा हो गया। विश्वविद्यालय ने पंद्रह दिन पहले बीए, बीकाम और बीएससी द्वितीय वर्ष का टाइम टेबल जारी किया। इसके बाद कालेज ने बीबीए-बीसीए द्वितीय वर्ष की परीक्षा स्कीम के बारे में विश्वविद्यालय से चर्चा की। उस दौरान उन्हें समझ आया कि बीबीए की छात्राओं को गलत विषय पढ़ा दिया।
यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक से की बात
दो दिन पहले कालेज के प्राचार्य और तीन शिक्षकों ने परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी से भेंट की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीबीए-बीसीए के कई विषय बदल गए हैं। वैसे पुरानी परीक्षा स्कीम में बीबीए-बीसीए में ई-कामर्स विषय था, जो एनईपी में सिर्फ बीसीए में रखा गया है। एनईपी और पुरानी योजना की गफलत से यह स्थिति बनी है।
आनलाइन माध्यम से पूरा करेंगे कोर्स
तीन घंटे तक चर्चा के बाद निर्णय लिया कि कालेज की छात्राओं को ई-कामर्स से मिलता-जुलता विषय पढ़ाया जाए। कालेज को छात्राओं की आनलाइन क्लास के माध्यम से पाठ्यक्रम पूरा करने का सुझाव दिया है।
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