श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस साल चतुर्थी 6 जुलाई को पड़ने वाली है। श्रावण मास की चतुर्थी वर्ष में आने वाली सभी संकष्टी चतुर्थी में बहुत खास मानी जाती है। इसकी बड़ी वजह श्रावण मास है, क्योंकि यह महादेव का प्रिय महीना माना जाता है। भगवान गणेश शिवजी के पुत्र हैं। इस लिए श्रावण मास में पड़ने वाली इस संकष्टी चतुर्थी को शुभ माना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल श्रावण की संकष्टी चतुर्थी 6 जुलाई को मनाई जाएगी। तिथि सुबह 6.31 बजे शुरू होगी। अगले दिन 3.13 बजे समाप्त होगी।
संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
जो व्यक्ति संकष्टी चतुर्थी के दिन श्रद्धापूर्वक पूजा-पाठ करता है। भगवान शिव उसके सभी कष्ट दूर कर देते हैं। यह भक्तों को सुख-सौभाग्य देने वाला और आय में वृद्धि करने वाला व्रत है। संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद बिना कुछ खाए-पिए भगवान गणेश के सामन हाथ जोड़कर व्रत की शपथ लें। जहां पूजा करनी हो वहां एक लकड़ी की चौकी रखें। उस पर स्वच्छ पीला कपड़ा बिछाएं और लंबोदन की मूर्ति रखें। प्रसाद, दूर्बा और दीपक जलाकर पूजा करें। रात के समय चंद्रमा दिखाई देने पर अर्घ्य देना न भूलें।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य से पहले गौरी पुत्र की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। गजानन की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
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