बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के ग्राम दरभा गांव के दो परिवार को नक्सलियों ने गांव छोडने का फरमान जारी किया है। जिसके बाद वे परिवार सहित दंतेवाड़ा के चिकनपाल में शरण ले रहे हैं। इन परिवारों का कसूर इतना है कि इनके यहां के दो युवक सीआरपीएफ में भर्ती होकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिले के कुटरू थाना क्षेत्र ग्राम दरभा नक्सल प्रभावित गांव हैं, जहां नक्सलियों की गहरी पैठ है।
जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने दरभा के दो परिवार को अपना घर गांव खेती छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया है। दो परिवार के 11 लोग घर सामान समेट कर एक वाहन में सुरक्षित स्थान चिकनपाल की तलाश की है। किसान परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या खेती बाड़ी छोड़ने की है लेकिन जान बचाना भी जरूरी है। नक्सली फरमान नहीं मानते तो जान से हाथ धोना भी पड़ सकता है। इन सब मजबूरी से इन परिवारों ने फैसला लिया है। जानकारी में यह बात सामने आई है कि नक्सलियों ने परिवार के युवा सदस्य रंजीत कुंजाम को रस्सी बांधकर जंगल तरफ ले जाकर गांव छोड़ने व खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी है।
फरमान के बाद परिवार के लोग बारिश के दिनों में किन हालातों में रहेंगे यह भविष्य के गर्त में है। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार रात में 30- 35 हथियार बंद नक्सलियों ने रंजित कुंजाम के बड़े भाई को बंधक बनाकर जंगल ले गये। जंगल में मीटिंग कर गांव छोड़ने को कहा। उसके बाद खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी। अल्टीमेटम के बाद कुंजाम परिवार सामानों के साथ जान बचाने के लिए गांव छोड़ दी। सूत्रों ने बताया दो परिवार के करीब 11 सदस्य गांव छोड़ कर चिकनपाल बसने के लिए निकल गये। परिजनों ने दो पिकअप में सामानों लादकर गांव से जाने के लिए निकल गये। दंतेवाड़ा के नकुलनार के पास चिकनपाल में अस्थाई बसेरा बसायेंगे।
पत्नी को नहीं मालूम पति सीआरपीएफ में हैं
जो दो युवक सीआरपीएफ में भर्ती हुए उसमें से एक युवक की पत्नी नें कहां की पति सीआरपीएफ में कब भर्ती हुए मुझे भी नहीं मालूम। लेकिन बड़ी बात यह है कि नक्सलियों की इसकी जानकारी थी। एएसपी चंद्रकांत गवर्ना से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिली है। लेकिन परिजन गांव छोड़े है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं चाहते।
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