पैरों से परीक्षा देकर पटवारी बने देवास के आमीन मंसूरी

 पीपलरावां (देवास)। हाल ही में आए पटवारी परीक्षा परिणाम में कई अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की। इनमें एक ऐसा अभ्यर्थी भी है जिसने हाथों से नहीं, पैरों से परीक्षा दी और सफलता पाई। यह अभ्यर्थी है देवास जिले के पीपलरावां का निवासी आमीन, जो दोनों हाथों से दिव्यांग है। 30 वर्षीय आमीन के पिता इकबाल मंसूरी टेलरिंग का काम करते हैं। आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। जन्म से ही आमीन के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन उसने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना। बचपन से ही पढ़ने में होशियार रहा।

कम्प्यूटर भी पैरों से ही चलाना सीखा

पैरों से लिखना सीखा और इसे अपनी ताकत बनाया। कम्प्यूटर भी पैरों से चलाना सीखा। 2012 में कक्षा 11वीं में अध्ययन के दौरान उसने सोलर कूकर का प्रोजेक्ट बनाया था, जो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ। आमीन को इसके लिए पुरस्कृत किया गया। 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल से की और इंदौर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पटवारी की परीक्षा का फार्म भरा। उसने पैरों से परीक्षा दी और दिव्यांग श्रेणी की मेरिट सूची में जिले में पहला स्थान प्राप्त किया।

रोज 12 घंटे पढ़ाई की

आमीन ने रोज करीब 12 घंटे पढ़ाई की। सफलता का श्रेय पिता और परिवार को दिया। उसके चयन पर परिवार के साथ ही गांववालों ने भी खुशी जताई। रविवार रात को विधायक सज्जनसिंह वर्मा के पुत्र पवन वर्मा, विधायक प्रतिनिधि भूपेंद्र नागर, पार्षद प्रतिनिधि बबलू हाड़ा, मोनू भावसार, मनोज भावसार, कपिल व्यास, संजय त्रिवेदी, पार्षद राधे बरेठा, राहुल राठौर आदि ने आमीन के घर पहुंचकर बधाई दी।

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