महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर हुआ। अजित पवार एक बार फिर बागी हुए और शिंदे सरकार में शामिल होते हुए डिप्टी सीएम बन गए। इस घटनाक्रम के तार राहुल गांधी और पिछले दिनों पटना में हुए विपक्षी दलों की बैठक से जुड़े हैं।
समाचार एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अजित पवार और उनके समर्थक विधायक इस बात से खुश नहीं थे कि शरद पवार, राहुल गांधी के साथ नजदीकियां बढ़ा रहे हैं।
ये नेता इस बात पर भी खुश नहीं था कि शरद पवार विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने पटना गए और राहुल गांधी के साथ मंच साझा किया।
शरद पवार के सामने बड़ा राजनीतिक संकट
भतीजे अजित पवार की इस बगावत के बाद शरद पवार के सामने बड़ा सियासी संकट आ गया है। अब शरद पवार के सामने अपनी पार्टी बचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। कहा जा रहा है कि 59 में से एनसीपी के 40 विधायक अजित पवार के साथ है। 5 में 3 सांसद भी अजित पवार के साथ है। ऐसे में अजित पवार जल्द ही एनसीपी पर दावा ठोकेंगे।
कहा जा रहा है कि एनसीपी का हश्र भी शिवसेना की तरह ही हो सकता है। ऊपरी तौर पर भले ही शरद पवार कह रहे हों कि वो सबकुछ ठीक कर देंगे और जनता उनके साथ है, लेकिन सच्चाई कोसो दूर है।
संजय राउत की प्रतिक्रिया
घटनाक्रम सामने आने के बाद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह राजनीति खत्म करने की कोशिश है। हम फिर खड़े होंगे और फिर लड़ेंगे।
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