पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आखिरकार भारत की अध्यक्षता में होनेवाली SCO की एक मीटिंग में शामिल होने के लिए सहमत हो गये हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत में होने वाली एससीओ-सीएचएस की 23वीं बैठक में भाग लेंगे। उनके प्रवक्ता ने बताया कि एससीओ के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत के प्रधानमंत्री ने एससीओ-सीएचएस मीटिंग में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के पीएम को निमंत्रण दिया था। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो भारत आनेवाले हैं, बल्कि 4 जुलाई को होनेवाली इस बैठक में वो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे।
बैठक में क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद (सीएचएस) की बैठक में नेता महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे और एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग की भविष्य की दिशा तय करेंगे। सीएचएस में प्रधानमंत्री की भागीदारी दर्शाती है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में एससीओ को कितना महत्व देता है।
पाकिस्तान को मिली राहत
उधर, आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान के लिए राहत भरी खबर है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले दिनों फ्रांस की राजधानी पेरिस जाकर मदद की गुहार लगाई थी। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने पाकिस्तान के साथ एक स्टैंडबाय एग्रीमेंट किया गया है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की मदद मिलेगी। बता दें कि आईएमएफ ने तीन जुलाई 2019 को पाकिस्तान के लिए 21वें ऋण की मंजूरी दी थी। यह कार्यक्रम 30 जून को खत्म हो रहा था। इस नए ऐलान के साथ ही पाकिस्तान पर कंगाल होने का खतरा टल गया है। वैसे इस स्टैंडबाय एग्रीमेंट को आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मिलनी बाकी है। ये मीटिंग जुलाई में होनेवाली है।
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