इंदौर। कहते हैं कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है। उसका ताजा उदाहरण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में देखने को मिला। जहां एक 85 वर्षीय बुजुर्ग ने एलएलएम में दाखिला और परीक्षा को लेकर अनुमति मांगी है। इसे लेकर विश्वविद्यालय ने शासन ने मार्गदर्शन लेने की बात कहीं है। हालांकि बुजुर्ग ने आवेदन के साथ अपनी अंकसूची की प्रति भी जमा करवाई है।
एलएलएम की इच्छा रखने वाले 85 वर्षीय बुजुर्ग का नाम सुभाष शुक्रे है। दरअसल वे जीवन बीमा निगम से सेवानिवृत्त हुए है। पूर्वी बीमा अधिकारी सुभाष ने 1968 में तत्कालीन इंदौर विश्वविद्यालय (देवी अहिल्या विश्वविद्यालय) से एलएलबी कर रखी है।
वे शुक्रवार को परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी और परीक्षा विभाग के सहायक कुलसचिव डा. विष्णु मिश्रा से मिले। उन्होंने आवेदन में लिखा कि क्या वे एलएलएम की पढ़ाई कर सकते हैं।
इस बारे में अब विश्वविद्यालय प्रशासन पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर आयु सीमा के संबंध में नियम खंगालने लगा है। बुजुर्ग शुक्रे ने बताया कि एलएलबी करने के बाद घर की स्थिति ऐसी नहीं थी कि आगे पढ़ सकते हैं।
वैसे अब शौकियातौर पर एलएलएम की पढ़ाई करना चाहते हैं। परीक्षा नियंत्रक डा. तिवारी का कहना है कि एलएलएम के लिए बुजुर्ग का आवेदन प्राप्त हुआ है। उसके संबंध में नियम को देखने के बाद पाठ्यक्रम में प्रवेश के बारे में मार्गदर्शन दिया जाएगा।
आयु सीमा समाप्त
कुछ वर्ष पहले 27 वर्ष आयु वाले विद्यार्थी ही विधि पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। मगर उच्च शिक्षा विभाग और बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) ने विधि पाठ्यक्रम के लिए आयु सीमा हटा दी है। इसके बाद एलएलबी में प्रवेश लेने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ था।
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