उत्तराखंड के चमोली में बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध होने से लगभग 30 हजार तीर्थयात्री विभिन्न पड़ावों पर फंस गए हैं। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की छह किमी लंबी कतार लग गई। हाईवे अवरुद्ध होने से बदरीनाथ धाम की यात्रा भी पूरे दिन ठप रही। एनएच की ओर से मौके पर दो जेसीबी मशीन मलबा हटाने के लिए लगाई गई हैं। इसके साथ ही जिला प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों को बिस्किट और पानी उपलब्ध कराया गया।
10 घंटे रहा था हाईवे बंद
इससे पहले बुधवार को भी करीब 10 घंटे तक छिनका में हाईवे बंद रहा था। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर मनेरी के पास पहाड़ी से बोल्डर आने के चलते आधे घंटे तक यातायात अवरुद्ध रहा। हालांकि चारधाम से जुड़े अन्य राजमार्गों पर यातायात सुचारु है।
गोपेश्वर में सात वाहन मलबे में दबे
जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भारी वर्षा के बाद मलबा आने से सात वाहन दब गए। चमोली जिले में भारी वर्षा के चलते गुरुवार तड़के पांच बजे छिनका के पास भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया। एनएच की ओर से साढ़े सात बजे मलबा हटाकर हाईवे खोल दिया गया। इसके बाद सुबह 9ः49 बजे चट्टान का एक हिस्सा टूटकर हाईवे के एक हिस्से को क्षतिग्रस्त करते हुए अलकनंदा में जा गिरा। इस दौरान स्थानीय निवासियों ने शोर मचाकर हाईवे से गुजर रहे वाहनों को रोक दिया गया।
15 हजार से अधिक तीर्थयात्री यहां ठहरे
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोरी जोशी ने बताया कि बदरीनाथ धाम व हेमकुंड से लौटने वाले 15 हजार से अधिक तीर्थयात्री पीपलकोटी, जोशीमठ और बिरही आदि स्थानों पर ठहरे हैं। जबकि, बदरीनाथ जाने वाले 15 हजार से अधिक तीर्थयात्री क्षेत्रपाल और चमोली में हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि भूस्खलन स्थल के दोनों ओर दुकानें और बाजार होने के चलते तीर्थ यात्रियों को खाने-पीने की परेशानी नहीं हुई।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.