गुरुओं के सम्मान में हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे कई लोग वेदव्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। गुरु पूर्णिमा पर गुरु ग्रह की शुभता पाने के लिए भगवान विष्णु की उपासना करना अच्छा माना जाता है। इस दिन गुरु की पूजा के साथ-साथ भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर कुछ खास उपाय कुंडली में गुरु ग्रह को मजबूत करते हैं, जिससे नौकरी, व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है। गुरु पूर्णिमा का दिन इसके लिए बहुत उत्तम माना जाता है। मान्यता है इससे बृहस्पति मजबूत होता है और नौकरी में आ रही परेशानी भी दूर होती है।
गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 2 जुलाई 2023 को रात में 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 3 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन होगा। चूंकि उदया तिथि मान्य होती है इसलिए इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
करियर में उन्नति के लिए करें ये उपाय: आपके करियर में रुकावट आ रही है या फिर हर प्रयास के बाद भी आपको नौकरी नहीं मिल पा रही है तो गुरु पूर्णिमा के दिन अपनी किताब के पहले पन्ने पर रोली से स्वास्तिक बनाएं और फिर इसपर अपनी इच्छा लिखकर इस किताब को मां सरस्वती के पास रख दें। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी और सबसे बड़ा गुरु भी माना जाता है।
जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए: अगर आपके जीवन में सौभाग्य की कमी है और आप जीवन में सौभाग्य पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र की स्थापना करना चाहिए। इससे आपके सौभाग्य में वृद्धि होती है और आपके हर कार्य पूर्ण हो जाते हैं साथ ही आपको कार्यक्षेत्र में सफलता भी मिलती है।
गुरु पूर्णिमा के दिन करें गीता का पाठ: जिन छात्रों को अपनी पढ़ाई में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में दिक्कत आ रही हैं तो ऐसे लोग गुरु पूर्णिमा के दिन गीता पाठ करें आपको लाभ मिलेगा।
गुरु पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये एक काम: गुरु अपने शिष्यों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सही मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। वहीं गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेना बहुत जरुरी होता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं और बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद जरूर लें।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.