ज्योतिष शास्त्र में कई कुंडलियां ऐसी होती हैं जिनमें कालसर्प दोष का योग होता है। माना जाता है कि जिस प्रकार मांगलिक योग, पितृ दोष होता है और उसका निवारण होता है उसी प्रकार कालसर्प दोष का भी उपाय व निवारण किए जाते हैं। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष के निवारण के लिये पूजा भी कराई जाती है और कुछ उपाय भी हैं जो कि सावन के पावन महीने में कर सकते हैं।
जी हां, अगर आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति कमजोर है और आपको भी कालसर्प दोष के कारण जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तो सावन के पावन महीने में आप इन दोषों से मुक्ति पा सकते हैं। सावन का महीना 4 जुलाई से शुरु हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर भ्रमण करने आते है, इसलिए कालसर्प दोष से प्रभावित लोगों को सावन माह में कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। जिससे कि भगवान शिव के साथ नागराज भी प्रसन्न हों। तो आइए जानते हैं क्या करें उपाय-
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये उपाय
1. सावन में कराएं रुद्राभिषेक कराएं
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है और आप इसका निवारण करना चाहते हैं तो सावन के महीने में घर पर रुद्राभिषेक करवाएं। इससे आपको जल्द ही लाभ मिलने लगेगा। इसके साथ ही आप अपने घर में मोर पंख रखें।
2. भगवान शिव की आराधना
सावन में महीने में शिव जी की आराधना करने चाहिए और व्रत रखना चाहिए। सावन में शिवलिंग पर तांबे का सर्प चढ़ाने ले सर्प प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही अगर आप चांदी के सर्प का जोड़ा बहते पानी में छोड़ देते हैं तो आपको कालसर्प योग से मुक्ति मिलती है।
क्या होता है कालसर्प योग
जब किसी व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की होती है। दोनों 180 डिग्री पर रहते हैं। यदि बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष कहा जाता है। हालांकि कालसर्प योग का निर्धारण करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
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