मुरैना। अंबाह के रतनबसई गांव में प्रेम प्रसंग के चलते हुई शिवानी तोमर व छोटू तोमर की हत्या के मामले में पुलिस ने रविवार को केस दर्ज कर लिया। पुलिस जांच के बाद एएसआई की शिकायत पर शिवानी के दादा, पिता, चाचा और भाई पर एफआइआर दर्ज हुई है।
पुलिस जांच में सामने आया है, कि छोटू उर्फ राधेश्याम तोमर की हत्या 3 जून को कर दी गई। इसके तीन दिन बाद यानी 6 जून को शिवानी को गला घोंटकर मारा गया है। दोनों के शव चंबल नदी में फेंके गए हैं, पुलिस शव मिलने की उम्मीद पूरी तरह छोड़ चुकी है।
गौरतलब है, कि अंबाह थाना क्षेत्र के रतनबसई गांव की 18 साल की शिवानी पुत्री राजपाल सिंह तोमर का प्रेम प्रसंग पड़ोसी गांव बालूपुरा के 21 साल के राधेश्याम उर्फ छोटू पुत्र लाखन सिंह तोमर के साथ था। यह दोनों एक महीने पहले घर से भागे थे, तब परिवार वाले ढूंढकर ले आए। 3 जून को शिवानी व छोटू को घर से भागते समय शिवानी के स्वजनों ने देख लिया और इसके बाद दोनों को फिर किसी ने नहीं देखा।
छोटू के स्वजन उसी दिन से छोटू की हत्या की शिकायत अंबाह थाने से लेकर एसपी आफिस तक में कर रहे थे। 17 जून की रात को पुलिस ने शिवानी के पिता राजपाल को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की, तब उसने बताया कि 3 जून को ही छोटू व शिवानी की हत्या कर शव चंबल नदी के रे-घाट में फेंक दिए।
चार दिन तक पुलिस, एसडीआरएफ की टीम चंबल नदी में शवों की तलाश करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली।
पुलिस जांच में जब सिद्ध हुआ, कि 3 जून को छोटू एवं 6 जून की रात में शिवानी की हत्या कर दी गई है, तब रविवार की सुबह जांच अधिकारी एसआइ जितेंद्र शर्मा की शिकायत पर अंबाह थाने में छोटू की हत्या के मामले में शिवानी के दादा छुटई सिंह पुत्र सौप्रसाद तोमर, पिता राजपाल पुत्र छुटई सिंह तोमर, चाचा पप्पू सिंह तोमर एवं भाई शिवा सिंह तोमर के खिलाफ धारा 302, 201 एवं 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।इसी एफआइआर में जांच के बाद शिवानी की हत्या का मुकदमा दर्ज होगा। इस मामले मे आरोपितों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
जानिए… कैसे हुई छोटू की हत्या और कहां फेंका शव
3 जून को दोपहर 1 बजे शिवानी घर से भागकर गांव के बाहर आ गई। फोन करके उसने छोटू को बुला लिया। छोटू से बात करते हुए गांव के कुछ युवकों ने शिवानी को देख लिया। इनसे छिपने के लिए शिवानी बीहड़ की तरफ भाग गई, वहां कुछ देर में छोटू भी आ गया।
इसी बीच दोपहर डेढ़ बजे के करीब शिवानी के स्वजन भी वहां पहुंच गए। शिवानी को पीटते हुए घर ले आए और छोटू को रामसेवक शर्मा के घर के करीब 300 फीट पीछे पथरऊआ के बीहड़ में ले गए, जहां उसे लाठियों से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। यहां छोटू के हाथ-पैर बांध दिए।
भीषण गर्मी में छोटू बंधी हुई हालत में डला रहा और दम तोड़ दिया। रात को राजपाल सिंह, शिवा सिंह व अन्य स्वजन पहुंचे तो छोटू की लाश मिली। इसके बाद ट्रैक्टर-ट्राली में शव को रखकर गांव से पांच किलोमीटर दूर रे-घाट पर ले गए, जहां पत्थर से बांधकर शव को नदी में फेंक दिया।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है, कि राजपाल अवैध रेत का काम करता है। उसने चंबल किनारे ट्रैक्टर खराब होने की बात कहकर रूअर गांव के अपने एक परिचित को बुलाया और ट्राली में रखी छोटू की लाश दिखाकर पूरी घटना बताई। रूअर गांव का यह युवक वहां से यह कहकर भाग गया, कि यह सही नहीं है, मैं इसमें कोई मदद नहीं कर सकता। पुलिस के हाथ रूअर का यह युवक भी लग गया है, जिसने ट्राली में छोटू का शव देखने की पुष्टि की है। इसके अलावा 3 जून की रात साढ़े 8 से 10 बजे तक राजपाल व शिवा के मोबाइल की लोकेशन भी रे-घाट पर मिली है।
शिवानी ने पिता-भाई को जेल भिजवाने की धमकी दी, तीन दिन बाद गला घोंटकर मार डाला
पुलिस छानबीन में सामने आया है, कि 3 जून को छाेटू तोमर की हत्या के बाद शिवानी को उसका मामा प्रेमपाल सिंह सिकरवार अपने गांव राजस्थान के खेरागढ़-डूंगरवास ले गया था।इस बात की पुष्टि प्रेमपाल के फोन की काल रिकार्डिंग, मोबाइल लोकेशन के अलावा उसके दो भाई उदय सिंह व अनूप सिंह सिकरवार के बयानों में भी हुई है। शिवानी को यहां से राजस्थान के पाली में उसकी बुआ मंजेश के पास भेजने का प्लान था, लेकिन राजपाल सिंह 6 जून की शाम शिवानी को खेरागढ़ लेने पहुंच गया और साले के बेटे प्रदीप उर्फ कुल्फी सिंह सिकरवार के साथ मोटरसाइकल से शिवानी को लेकर आ गया।
रास्ते में राजपाल ने 6 जून की रात 11 बजे कुथियाना चंबल नदी के घाट पर शिवानी की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को चंबल नदी में फेंक दिया। कुल्फी ने अपने बयान में यह बात पुलिस को बताई। इसके बाद शिवानी के पिता राजपाल सिंह तोमर ने भी पुलिस को बताया, कि छोटू की मौत का पता शिवानी को चल गया था। इसके बाद वह लगातार धमकी दे रही थी, कि अब वह छोटू के छोटे भाई आकाश से शादी करेगी और तुम सबका भांड़ाफोड़ कर जेल भिजवाऊंगी। राजपाल सिंह ने बताया, कि शिवानी द्वारा पुलिस को सबकुछ बताने का डर था, इसलिए उसे मारकर चंबल में फेंक दिया।
शव चंबल में ही फेंके, साक्ष्य पुलिस ने जुटाए
बिना शव मिले हत्या का केस कोर्ट में मजबूती से नहीं टिकता, इसीलिए अंबाह पुलिस ने इस मामले में एफआइआर करने में इतना समय भी लगाया। शव मिलने की उम्मीद पुलिस पूरी तरह छोड़ चुकी है, लेकिन शवों को चंबल नदी में फेंका गया है, इसके पुख्ता सबूत पुलिस जांच में जुटा लिए गए हैं। छोटू का शव चंबल के रे-घाट पर रूअर गांव के ग्रामीण ने देखा है। इसके अलावा शिवानी के पिता व भाई के मोबाइल की लोकेशन भी रे-घाट पर मिली है। 6 जून को शिवानी का शव चंबल में फेंकने की बात कुल्फी सिंह सिकरवार ने कुबूल की है। शिवानी का शव कुथियाना घाट पर फेंका है, राजपाल व कुल्फी की मोबाइल लोकेशन भी इसी घाट की मिली है। कोर्ट में यह साक्ष्य दो हत्याओं के आरोपितों को सजा दिलाने में कितने कारगर होंगे? यह तो समय ही बताएगा।
इनका कहना है
– छोटू की हत्या 10 से 12 लोगों ने मिलकर की है, यह मैं पहले दिन से कह रहा हूं।पुलिस ने केवल चार लोगों पर हत्या का केस दर्ज किया है, यह सही नहीं है। हत्या मेरे भाई की हुई है और एफआइआर करने से पहले पुलिस ने मुझसे या मेरे परिवार के किसी सदस्य से कुछ नहीं पूछा न कुछ बताया, कई आरोतिपों को इसमें छोड़ दिया गया है।
घनश्याम सिंह तोमर, मृतक छोटू तोमर का भाई
शिवानी और छोटू तोमर की हत्या में केस दर्ज हो गया है। अभी छोटू की हत्या में शिवानी के पिता, दादा, चाचा व भाई पर एफआइआर हुई है। इसमें ही बयानों के आधार पर शिवानी की हत्या का केस दर्ज हो रहा है।बयान व जांच में आने के बाद आरोपित और बढ़ सकते हैं। बिना लाश मिले कोर्ट में केस ले जाने के लिए हमारे पास पुख्ता सबूत व प्रत्यक्षदर्शी गवाह हैं, जिन्होंने हत्या होने से लेकर शवों को फेंकते देखा है।
परमार सिंह मेहरा, एसडीओपी, अंबाह
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