खिलचीपुर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के एक दिन पहले निकली भव्य कलश यात्रा

राजगढ़। बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलचीपुर के जिस होटल में तीन रात ठहरेंगे उस होटल के चार कक्षों का नक्शा पूरी तरह से बदल दिया गया है। उनकी टीम के निर्देश पर होटल के चार कक्षों को दो कक्षों में तब्दील कर दिया। इतना ही नहीं दोनों कक्षों के पंखे, एसी, एलईडी, पलंग, पर्दे, बिस्तर, सिंक सहित हैंगर आदि सबकुछ बदल कर नए लगाए हैं। साथ ही उनके भोजन बनाने के लिए भी पूरी टीम उनकी ही रहेगी।महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी की कथा के एक दिन पहले भव्य क़लश यात्रा निकाली गई।क जैसी साड़ी पहनकर महिलाओं ने निकाली क़लश यात्रा, बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल है,

26 जून से बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री खिलचीपुर के खेल मैदान में हनुमत कथा करेंगे। वह सोमवार सुबह 10 बजे खिलचीपुर पहुंचेंगे। यहां पर उनके ठहरने के लिए होटल उदय पैलेस में इंतजाम किए हैं। महंत के ठहरने के लिए होटल के चार कक्ष रिजर्व किए थे। इसके बाद उनकी टीम जब देखने यहां पहुंची थी तो होटल में अमूलचूल परिर्वतन किए गए हैं। चारों कक्षों को दो कक्षों में तब्दील कर दिया गया है। दोनों कक्षों में पलंग, गददे, सोफे, पर्दे, पंखे, एसी, टी-टेबल, किताबों की रैक, सिंक, हैंगर, अलमारी, बाथरूम के नल, लाइटें सहित हर सामग्री को बदला गया है। जो पहले से लगी थी उसको हटाकर सबकुछ नया लगाया है। किचन में भी गैस चूल्हा से लेकर जरूरी सामग्री बदलने की जानकारी है।एक कक्ष में ठहरेंगे, दूसरे में प्रमुख लोगों से मिलेंगेजो दो कक्षों को नया किया है उनमें से एक कक्ष में महंत ठहरेंगे, जबकि दूसरा कक्ष प्रमुख लोगों से मिलने का इंतजाम रहेगा। दूसरे कक्ष में बाहर से आने वाले वीवीआइपी व वीआइपी लोगों से वह मिलेंगे। उस कक्ष के भी जरूरी सामान को बदला गया है। होटल में सामान बदलने से लेकर अभी तक पूरी तरह से सुरक्षा को चाक-चौबंद किया गया है। यहां के लिए अलग से हील प्रभारी तैनात है।महंत के लिए कक्षा स्थल पर लकड़ी का बन रहे दो कक्षकथा स्थल पर महंत के लिए मंच के ठीक पीछे भी लकड़ी के दो कक्ष तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें जरूरत होने पर कुछ समय महंत विश्राम कर सकेंगे। उनके कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के लिए मंच के पीछे से रास्ता रहेगा। वहीं पर लकड़ी के कक्ष बन रहे हैं, जिसमें सोफे, कूलर से लेकर पूरा इंतजाम रहेगा। इसके अलावा कक्ष के समीप से मंच के लिए सिढ़ाव बनाया है, जिसके माध्यम से महंत मंच पर आएंगे।

भोजन बनाने के लिए स्वयं की रहेगी 150 सदस्यों की टीम, 500 लोगों का करेंगे भोजन तैयार

महंत व उनकी टीम के लिए भोजन बनाने के लिए 150 सदस्यों का जत्था मौजूद रहेगा। यही लोग महंत व उनकी व्यवस्था में रहने वाले 500 लोगों का भोजन बनाएंगे। इसके अलावा स्थानीय लोग वहां नहीं जा सकेंगे। कथा की व्यवस्थाएं संभालने के लिए महंत के 500 सदस्यों की टीम खिलचीपुर में मौजूद रहेगी। जिसमें से कुछ सदस्य शनिवार तक जिले में पहुंच चुके थे, बांकी के आज शाम तक पहुंच जाएंगे। महंत को एक निजी होटल उदय पैलेस में ठहराया जाएगा। वहीं पर उनके भोजन-प्रसादी का इंतजाम रहेगा। आयोजकों द्वारा जरूरी सामग्री उपलब्ध करवा दी है। बांकी क्या बनना है व क्या नहीं, यह उनकी टीम तय करेगी। हर दिन करीब 150 सदस्यों द्वारा विशेष रूप से भोजन, चाय, दूध, फलहार आदि बनाने का कार्य किया जाएगा। इसी टीम के सदस्य महाराज के लिए जरूरी सामग्री बनाएंगे व यही टीम पूरी व्यवस्था में बाहर से आने वाले 500 लोगों का खाना बनाएंगे। महाराज व उनके 500 सेवक स्थानीय नागरिकों, हलवाई आदि के द्वारा बनाए जाने वाले भोजन, फलहार, चाय-दूध को ग्रहण नहीं करेंगे। बल्कि इसके लिए उनकी सेवा में मौजूद लोगों द्वारा ही यह कार्य किया जाएगा।

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