इंदौर। इंदौर शहर में विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों के कार्यक्रम 25 जून को आयोजित किए जाएंगे। स्वामी रामदयाल महाराज की पधरावणी यात्रा और ध्यान शिविर की बैठक आयोजित की जाएगी। संस्था पुरुषार्थ वसुधैव कुटुंबकम सेवा संस्थान का सम्मान समारोह भी होगा।
– आठ वर्षों के अंतराल से छत्रीबाग रामद्वारा पर अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज के सान्निध्य में चातुर्मास होगा। इसकी शुरुआत में 7 बजे से गोराकुंड रामद्वारा से छत्रीबाग रामद्वारा तक भव्य पधरावणी यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में सबसे आगे नृत्य करते ऊंटों पर नगाड़ा और तुरही लिए विशेष वेशभूषा में सवार कलाकार, 20 ढोल-ताशे और नगाड़े रहेंगे।
– एरोड्रम रोड स्थित श्री श्रीविद्याधाम पर आषाढ़ मास गुप्त नवरात्र के दौरान गृह शांति हवन, सग्रहमख हवन एवं दुर्गा सप्तशती पाठ सहित विभिन्न अनुष्ठान होंगे। नवरात्र में प्रतिदिन सुबह 8.30 से 10.30 बजे तक गृहशांति एवं सग्रहमख हवन तथा सुबह-शाम दुर्गा सप्तशती पाठ जैसे अनुष्ठान भी होंगे।
– गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में 27वां ध्यान साधना शिविर 17 से 23 जुलाई तक नाथ मंदिर रोड स्थित पंजाब अरोड़वंशीय समाज धर्मशाला पर स्वामी परमानंद गिरि महाराज के सान्निध्य में आयोजित किया जाएगा। शिविर की तैयारियों को लेकर रविवार सुबह साढ़े 9 बजे खंडवा रोड स्थित अखंड परमधाम आश्रम पर भजन कीर्तन, सत्संग एवं शिविर की तैयारियों पर चर्चा बैठक का आयोजन रखा गया है। इसमें अखंड परमधाम से जुड़े भक्त शामिल होंगे।
– आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र के उपलक्ष्य में नवश्रृंगारित अन्नपूर्णा लोक पर प्रतिदिन मां अन्नपूर्णा, मां काली एवं मां सरस्वती को सुबह 10.30 बजे फलों एवं अन्य व्यंजनों का भोग लगेगा। भोग का वितरण शहर के वृद्धाश्रम, अनाथालयों एवं निःशक्तजनों की संस्थाओं में भी किया जाएगा। नवरात्र के दौरान केले, आम, चीकू, हलवा, नुक्ति, खीरान आदि प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। मंदिर पर प्रतिदिन सुबह 9 से 12 एवं दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक दुर्गा सप्तशती पाठ से मां की आराधना का क्रम भी नवमी तक जारी रहेगा।
– संस्था पुरुषार्थ वसुधैव कुटुंबकम सेवा संस्थान द्वारा वीर गोगा देव सम्मान समारोह रेसकोर्स रोड़ स्थित अग्रवाल धर्मशाला (रानी सती गेट) पर सुबह 11.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। सामाजिक समरसता के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में 21 मंडलों के प्रतिनिधियों व सदस्यों के साथ ही वाल्मीकि समाज की विभूतियों का सम्मान भी किया जाएगा। कार्यक्रम में 300 से अधिक उस्ताद, खलीफाओं व वाल्मीकि समाज के वरिष्ठों का सम्मान पारंपरिक रूप से साफा पहनाकर व प्रशस्ति पत्र भेंट कर किया जाएगा।
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