गेहूं की कीमत में कमी लाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने ई-नीलामी के पांचवें दौर में आटा मिलों सहित अन्य थोक ग्राहकों को 5.39 लाख टन गेहूं बेचा. खाद्य मंत्रालय के अनुसार, गेहूं और गेहूं आटे की खुदरा कीमत को कम करने के कदम के तहत पिछले चार दौर में करीब 23.47 लाख टन गेहूं खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत थोक उपयोगकर्ताओं को बेचा गया. अगली साप्ताहिक ई-नीलामी 15 मार्च को होगी.
1248 बोलीदाताओं को 5.39 लाख टन गेहूं बेचा
ई-नीलामी का पांचवां दौर 9 मार्च को पूरा हुआ और एफसीआई (FCI) के 23 क्षेत्रों में स्थित 657 डिपो से करीब 11.88 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए रखा गया था. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘1,248 बोलीदाताओं को करीब 5.39 लाख टन गेहूं बेचा गया है.’ औसत आरक्षित मूल्य 2,140.29 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले औसत बिक्री मूल्य 2,197.91 रुपये प्रति क्विंटल रहा. बयान में कहा गया कि बोली की अधिकतम संख्या 100 से 499 टन तक की मात्रा के लिए थी, इसके बाद 500-999 टन और 50-100 टन के लिए लगाई गई.
2,200 रुपये क्विंटल से नीचे चल रही कीमतें
मंत्रालय के अनुसार, नीलामी के दौरान कुल कीमत बताती है कि बाजार नरम हो गया है और कीमतें औसतन 2,200 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रही हैं. नीलामी के चार दौर में बिके करीब 23.47 लाख टन गेहूं में से 19.51 लाख टन का उठाव खरीदारों ने कर लिया है. पहली नीलामी के बाद, ओएमएसएस (OMSS) के तहत गेहूं की कुल बिक्री 45 लाख टन के कुल आवंटन के मुकाबले 28.86 लाख टन तक पहुंच गई.
मंत्रालय ने कहा, ‘इस तरह की बिक्री ने पूरे देश में गेहूं और गेहूं आटा कीमत को कम करने में अहम असर डाला है, जिसके ओएमएसएस के तहत गेहूं की खुली बिक्री के लिए भविष्य की निविदाओं के साथ स्थिर बने रहने की उम्मीद है.’ सरकार ने 1 अप्रैल से गेहूं खरीद का समय शुरू होने के कारण 31 मार्च तक गेहूं का उठाव कार्य पूरा करने की अनुमति दे दी.
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