ईवी वाहनों की हिस्सेदारी में दिल्ली अव्वल, कुल गाड़ियों की बिक्री में 8.30 फीसदी है भागेदारी

असम 5.91 फीसदी के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। ई-मोबिलिटी के दौरान पेश किए गए अध्ययन रिपोर्ट में सामने आया है कि वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में ईवी की सर्वाधिक बिक्री करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश (1.65 लाख ईवी) सबसे आगे है।

इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विस्तार में दिल्ली देश के दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे आगे हैं। वाहनों की कुल बिक्री में 8.30 फीसदी ईवी की हिस्सेदारी है। यह आंकड़ा 10 फीसदी से भी अधिक बढ़ गया। असम 5.91 फीसदी के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। दिल्ली की बुराड़ी टैक्सी यूनिट 46.4 प्रतिशत ई वाहनों के साथ देश का सर्वाधिक हरित (ग्रीन) आरटीओ के तौर पर उभरा है। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवॉयरमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के अध्ययन रिपोर्ट में ये बातें सामने आईं।

सीईईडब्ल्यू की तरफ से आयोजित नेशनल डायलॉग ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ई-मोबिलिटी के दौरान पेश किए गए अध्ययन रिपोर्ट में सामने आया है कि वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में ईवी की सर्वाधिक बिक्री करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश (1.65 लाख ईवी) सबसे आगे है। इस मौके पर ईवी क्षेत्र के कई विशेषज्ञ और हितधारक शामिल हुए।
सीईईडब्ल्यू के सीईओ डॉ. अरुणभा घोष के मुताबिक देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ईवी की अहमियत लगातार बढ़ रही है। दोपहिया और तिपहिया ईवी के लिहाज से बढ़ते कदम को देखते हुए राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर विकास की रफ्तार और तेज हो सकती है। राज्यों को विद्युतीकरण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के अध्ययन में सामने आया है कि ईवी के मामले में दोपहिया और ई-रिक्शा की सर्वाधिक 93.5 फीसदी हिस्सेदारी है। सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के निदेशक गगन सिद्धू ने कहा कि भारत में ईवी में ई-टू-व्हीलर्स और ई-रिक्शा की संख्या सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक ईवी के लिए फेम-दो सब्सिडी सहित राज्यों की अलग ईवी नीति लागू करने वाले राज्यों में दोगुना से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई।

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