कैब की तरह अब ड्रोन की सेवाएं

नई दिल्ली । भारत सरकार की तकनीकी सेवाओं को आगे बढ़ाने वाली एजेंसी इज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी)एक बहुत बड़ी व्यवसायिक पायलट परियोजना को अंतिम रूप दे रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत देश के विभिन्न स्थानों से 16 कंपनियों को निजी एवं सार्वजनिक साझीदारी की तहत सेवाओं के लिए अनुबंध किया जा सकता है।
ड्रोन के माध्यम से 4 क्षेत्रों में जिसमे ई-कॉमर्स डिलीवरी, खेती में इस्तेमाल, मानचित्रण एवं सर्वेक्षण तथा लॉजिस्टिक्स सेवाओं के लिए ड्रोन कमर्शियल पायलट परियोजना के बारे में जल्द ही सरकार घोषणा करने की तैयारी कर रही है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मॉडल में सरकार ड्रोन के व्यापक उपयोग के लिए कंपनियों का चयन करके, उनके उपयोग और तकनीकी मूल्यांकन के आधार पर ड्रोन की सेवाओं के लिए अनुबंध करेगी।
सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट में एफडीआई निवेशकों को भी शामिल किया जाएगा। ड्रोन का उपयोग वाणिज्यिक आधार पर व्यवहारिक है, या नहीं। इसका परीक्षण भी सरकार द्वारा किया जाएगा। अगले 3 वर्षों के दौरान प्रोत्साहन के लिए सरकार ने 120 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है। सरकार ने ड्रोन निर्माताओं और ड्रोन के माध्यम से बेहतर सेवाएं विकसित करने का, एक नया बाजार तैयार करने के मसौदे पर काम कर रही है।

 

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