RPF ने 2022 में 615 बच्चों को बचाया

मध्य रेलवे के आरपीएफ ने जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक यानी “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” (Operation Nanhe Farishte) के तहत सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारियों के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से 1399 बच्चों को बचाया है। इसमें 949 लड़के और 450 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता के साथ फिर से जुड़ गए हैं।

जो बच्चे अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशन पर आते हैं, किसी लड़ाई या पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर के ग्लैमर आदि की तलाश में प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढे जाते हैं। ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें उनके माता-पिता से मिलाने की सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए गहरा आभार और आभार व्यक्त करते हैं।

मध्य रेलवे पर जनवरी से दिसंबर 2022 तक छुड़ाए गए बच्चों का मंडलवार ब्यौरा इस प्रकार है

सेंट्रल रेलवे के मुंबई मंडल ने सबसे ज्यादा 615 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें 441 लड़के और 174 लड़कियां शामिल हैं.

भुसावल मंडल ने 284 बच्चों को बचाया जिसमें 150 लड़के और 134 लड़कियां शामिल हैं।

पुणे मंडल ने 285 बच्चों को बचाया जिसमें 233 लड़के और 52 लड़कियां शामिल हैं।

नागपुर मंडल ने 157 बच्चों को बचाया जिसमें 89 लड़के और 68 लड़कियां शामिल हैं।

सोलापुर डिवीजन ने 58 बच्चों को बचाया जिसमें 36 लड़के और 22 लड़कियां शामिल हैं।

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