एनएमडीसी स्टील के शेयर सोमवार को BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट हो गए. एनएसई और बीएसई दोनों पर शेयर 31.75 रुपये पर लिस्ट हुए. अक्टूबर 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनएमडीसी से संयंत्र के डीमर्जर और रणनीतिक खरीदार को केंद्र की पूरी हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी दे दी थी. सरकारी हिस्सेदारी बेचने से होने वाली आय सरकारी खजाने में जमा होगी. दरअसल, पिछले साल कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने एनएमडीसी लिमिटेड से एनएमडीसी स्टील, छत्तीसगढ़ में ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट के डीमर्जर को मंजूरी दे दी थी.
डीमर्जर
डीमर्जर के बाद नगरनार स्टील प्लांट (NSP) एक अलग कंपनी बन गई. वहीं डीमर्जर के बाद एनएमडीसी के शेयरधारक भी अपनी शेयरधारिता के अनुपात में डीमर्ज की गई कंपनी (एनएसपी) के शेयरधारक बने रहेंगे. इसलिए सरकार के पास NSP का 60.79 प्रतिशत हिस्सा है और शेष हिस्सेदारी खुदरा और संस्थागत निवेशकों के पास होगा. स्वामित्व वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर के लिए एनएमडीसी शेयरधारकों को एनएमडीसी स्टील का एक शेयर आवंटित किया गया था.
स्टील कंपनी
वहीं कंपनी निजीकरण के लिए तैयार है. सरकार प्रबंधन नियंत्रण के साथ अपनी हिस्सेदारी का 50.79% बेचना चाहती है. DIPAM के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा था कि सरकार को NMDC स्टील के निजीकरण के लिए कई प्रारंभिक बोलियां प्राप्त हुई हैं और लेनदेन अब दूसरे चरण में चला जाएगा. सरकार ने 1 दिसंबर, 2022 को रणनीतिक बिक्री के लिए प्रारंभिक बोलियां या रुचि की अभिव्यक्ति (EOI) आमंत्रित की थी और बोली लगाने की अंतिम तिथि 27 जनवरी थी.
स्टील
वहीं पिछले साल जुलाई में NMDC ने कहा कि उसके बोर्ड ने कंपनी NMDC स्टील और उनके संबंधित लेनदारों और शेयरधारकों के बीच व्यवस्था की योजना को मंजूरी दे दी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ नगरनार आयरन एंड स्टील प्लांट (NISP) का डीमर्जर शामिल था. इस योजना के तहत, नगरनार, छत्तीसगढ़ में एनआईएसपी संयंत्र एनएमडीसी से एनएमडीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएमडीसी स्टील (एनएसएल) में अलग हो जाएगा.
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