लंबी लड़ाई के बाद शैली को 38 दिन के लिए मिली कुर्सी

आम आदमी पार्टी की शैली ओबराय दिल्ली की महापौर अवश्य बन गई हैं, लेकिन जिस दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर भाजपा ने लगातार डेढ़ दशक तक शासन किया, उसे संभालना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। निगम इन 15 वर्षों में निगम के एकीकरण व उससे पहले भी आर्थिक तंगी व भ्रष्टाचार जैसे कई संघर्षों से जूझा है।

यही नहीं, आत्मनिर्भर बन पाने में विफल रहने के कारण आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ने पर दिल्ली की आप सरकार के साथ पैसों को लेकर उसकी खींचतान भी लगातार चलती रही है। सफाई व्यवस्था सुधार पाने में विफल निगम विकास की योजनाओं के मामले में भी हमेशा आर्थिक समस्या में रहा है।

ऐसे में इन चुनौतियों से शैली का भी सामना होगा, जिससे उन्हें पार पाना होगा। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नगर निगम की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

AAP के वादों को पूरा करने की चुनौती

सफाई कर्मचारियों से लेकर अन्य कर्मचारी और डाक्टरों तक को अपने वेतन के लिए जूझना पड़ा है। तीन-तीन माह तक उन्हें वेतन नहीं मिला है। तमाम धरना प्रदर्शन से लेकर हड़ताल तक इसी मुद्दे पर होते रहे हैं।

हालांकि इस दौरान नगर निगमों की सत्ता में काबिज रही भाजपा दिल्ली सरकार पर निगम का फंड रोक लेने का आरोप लगाती रही है तो आप सरकार भी आंकड़ों के साथ पूरा फंड देने की बात कहती रही है। आप सरकार कर्मचारियों के वेतन का पैसा दूसरे मदों में खर्च कर देने का आरोप लगाती रही है।

अब निगम में आप की महापौर के आ जाने से यह उम्मीद की जा रही है कि फंड के लिए निगम और दिल्ली सरकार के बीच रार होने की संभावना नहीं के बराबर है। मगर वह सब समस्याएं बरकार हैं जिनसे दिल्ली वाले पिछले 15 साल से जूझ रहे हैं।

बड़ा मुद्दा यही है कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ कैसे हटेंगे, जिनके नाम पर चुनाव लड़कर आप निगम की सत्ता में आई है। गंदगी की समस्या कैसे दूर होगी? इसके लिए किसी जादू की छड़ी की उम्मीद करना बेईमानी जरूर है मगर इस समस्या को दूर कर पाना आसान भी नहीं होगा।

दिल्ली की जनता गंदगी से परेशान

दिल्ली की गंदगी की समस्या दूसरा ऐसा मुद्दा है जो नगर निगम की छवि सबसे अधिक खराब करता है। गंदगी से दिल्ली की जनता परेशान है। यही कारण है कि तमाम प्रयास के बाद भी स्वच्छ सर्वेक्षण में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम फिसड्डी रहे हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार भी एक मुद्दा है।

इसमें लोगों को सबसे अधिक परेशानी भवन विभाग से है। पार्किंग की कमी एक अलग समस्या है। आवारा पशुओं की समस्या है। दिल्ली में घूमने वाले आवारा कुत्ते, बंदर, गाय व अन्य की समस्या भी हैं। सड़कों और गलियों की खस्ता हालत की भी एक समस्या है। इंस्पेक्टर राज से जूझते व्यापारियों की समस्या दूर करा पाना भी एक चुनौती होगी।

चुनाव में हुई क्रास वोटिंग

महापौर पद के लिए हुए मतदान में एक पार्षद ने क्रास वोटिंग की, जबकि उपमहापौर पद पर आप को दो वोट क्रास वोटिंग में गए। महापौर पद पर आप के 151 वोट थे, लेकिन उसे 150 ही वोट
मिले। उपमहापौर पद पर 151 में आप प्रत्याशी को 147 वोट मिले।

इसमें दो वोट खाली होने की वजह से रद माने गए, जबकि दो वोट भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गए। भाजपा के पास 113 ही वोट थे, जिसमें भाजपा को महापौर पद पर 116 वोट मिले। इसी प्रकार उपमहापौर पद पर भी 116 वोट मिले, जबकि भाजपा सांसद गौतम गंभीर उपमहापौर पद पर वोटिंग के दौरान अनुपस्थित थे।

निगम के काम में बजाएंगे डंका

आले मोहम्मद महापौर शैली ओबराय का कार्यकाल 31 मार्च तक होगा। अप्रैल में होने वाली सदन की पहली बैठक में नया महापौर चुना जाएगा। एमसीडी नियमानुसार, हर वर्ष महापौर का चुनाव होता है। ऐसे में अप्रैल में होने वाले निगम महापौर के चुनाव में सामान्य श्रेणी के लिए चुनाव होगा।

निगम के नियम के अनुसार पहला वर्ष महिला पार्षद के लिए आरक्षित है, जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है। उपमहापौर पद पर भी आप ने कब्जा जमाया है। उसके प्रत्याशी आले मोहम्मद इकबाल ने जीत दर्ज की है।

उन्हें 147 मत मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी कमल बागड़ी को 116 मत मिले हैं। जीत के बाद आले मोहम्मद ने इसे दिल्ली की जनता की जीत बताते हुए कहा कि जिस प्रकार से दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार के काम से डंका बजाया है उसी तरह निगम के काम से हम डंका बजाएंगे।

दिल्ली की जनता की सेवा करने के लिए तैयार- शैली

महापौर शैली ओबराय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नमन करते हुए कहा कि मैं दिल्ली की महापौर के रूप में जनता की सेवा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं।

उन्होंने ट्वीट किया, लोकतंत्र जीता, तानाशाही हारी। लोग जीते, भ्रष्टाचार हारा। सत्य जीता, कानून के दुश्मन हारे। अब काम करना है। 80 दिन जो बर्बाद हुए आने वाले 15 दिन में उसे पूरा करना है। तीन दिनों के भीतर लैंडफिल साइट का दौरा किया जाएगा। इसके साथ ही हम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो 10 गारंटी जारी की हैं, उन्हें पूरा करने के लिए कार्य किया जाएगा।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.