भोपाल । गर्मी बढऩे के साथ ही सब्जियों के दाम भी बढऩे लगेंगे। क्यांकि तेज गर्मी से पैदावार घट रही है और फसल जल्दी आ रही है। इससे सब्जी की फसल को नुकसान हो रहा रहा है। सब्जी मंडी व्यापारियों का कहना है कि इस वक्त मंडी में बाहर से सब्जी आ रही है और स्थानीय किसान भी माल भरपूर लेकर आ रहे हैं। जबकि उस स्थिति में बिकवाली नहीं है। इसलिए व्यापारी भी सब्जी खरीदने में उतना उत्साह नहीं दिखा रहे। यही कारण है कि सब्जियों के दाम कम है।
25 फरवरी को सहलग समाप्त होगी। मार्च में सब्जियों की आवक भी घटेगी। इसके बाद अप्रैल की सहलग में सब्जियों के दाम तेजी से बढेंगे। थोक बिक्रेताओं का कहना है कि बाहर व स्थानीय स्तर से सब्जियों की आवक तेजी से बढ़ गई है। जिसके कारण उनके दाम नीचे आ चुके हैं। हालात यह है कि जितनी मात्रा में सब्जी आ रही है उतनी मात्रा में खरीदार भी नहीं है। इस वक्त केवल तोरई व भिंडी के दाम अधिक है बाकी सबके दाम जमीन पर हैं। मौसम में अचानक से बढ़ी गर्मी से खतों में उद्यानिकी की फसले तेजी से पक रही है। जिसके कारण सहालग के बीच स्थानीय सब्जियों की आबक ने आलू, मटर, टमाटर के दाम जमीन पर ला दिए।
इस वक्त केवल भोपाल की भिंडी व तौरई करंट में है। जिसका दाम थोक में 50 रुपये किलो हैं। बाकी की कोई सब्जी ऐसी नहीं जिसका दाम 10-12 रुपये किलो से अधिक हो। खेतों से सब्जियों की आवक बढ़ चुकी है। जबकि ग्राहकी उतनी नहीं है। इस कारण से मंडी में लगभग सभी सब्जियों के दाम नीचे आ चुके हैं। हालात यह है कि धनिया व मूली के लेवाल तक नहीं है। जबकि मैथी, पालक, टमाटर के दाम काफी नीचे आ चुके हैं। सब्जियों के दाम कम होने से आमजन को राहत है। लेकिन जैसे जैसे गर्मी बढ़ेगी और सब्जी की आवक घटेगी दाम बढऩा शुरू हो जाएंगे। व्यापारियों का कहना है कि मार्च के बाद सब्जियों के दाम तेजी से ऊपर होंगे। स्थानीय किसान आलू, बैंगन, टमाटर, धनिया, पालक, मैथी, मटर आदि की सब्जी का उत्पादन भरपूर मात्रा में कर रहे हैं। मौसम में गर्मी बढऩे से सब्जियां तेजी से पकने लगी है जिससे किसान सब्जियां खेतों से सीधे मंडी भेज रहे हैं। यदि ठंड अधिक समय तक रहती तो सब्जियां पकने में लंबा समय लेती।
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