मॉस्को । रूस और यूक्रेन जंग को एक साल पूरे होने वाले हैं। इस बीच डराने वाली खबर आई है। एक रिपोर्ट में कहा कि रूसी नौसेना के उत्तरी बेड़े में युद्धपोतों को टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से लैस किया गया है। खुफिया एजेंसी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में जहाजों पर हथियारों की मौजूदगी के बारे में बताया है। माना जा रहा है कि 30 साल में यह पहली बार है जब बेड़ा परमाणु हथियारों के साथ समुद्र में गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इन परमाणु हथियारों का एक बड़ा हिस्सा उत्तरी बेड़े की पनडुब्बियों और जहाजों पर तैनात है।
रिपोर्ट में टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों को नाटो देशों के लिए एक गंभीर खतरा बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा रूस के पास पनडुब्बी, सैटेलाइट को तबाह करने वाले हथियार और साइबर उपकरण हैं, जो नॉर्वे और नाटो को धमकी देने के लिए काफी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कोल्ड वॉर के दौरान सोवियत संघ के उत्तरी बेड़े का युद्धपोत अक्सर परमाणु हथियारों से लैस होकर समुद्र में जाता था। लेकिन यह पहली बार है जब रूसी संघ ने परमाणु हथियारों के साथ जहाजों को तैनात किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की सैनिक क्षमता कमजोर है, इसलिए उसके लिए परमाणु हथियारों का महत्व काफी बढ़ गया है। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला है कि आने वाले वर्षों में रूस नए परमाणु हथियारों को बनाना जारी रखेगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन युद्ध की शुरुआत के बाद से ही परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की बात से परहेज करते रहे हैं। लेकिन रूस के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और नेताओं ने हाल के हफ्तों में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना जाहिर की है। पुतिन के खास और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने हाल ही में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना जाहिर की हैं। मेदवेदेव ने कहा कि अगर एक परमाणु संपन्न देश हारता है, तब यह न्यूक्लियर युद्ध की संभावना बढ़ा सकता है। नार्वे की खुफिया रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अनपेक्षित घटनाओं के कारण नाटो सीधे यूक्रेन युद्ध में शामिल हो सकता है।
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