फिजी का सहयोगी बनना भारत का सौभाग्य : जयशंकर

सुवा। विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर फिजी पहुंचे हैं। यहां वह 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में शामिल होंगे। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान फिजी ने वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिजी को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताया और कहा कि उन्होंने फिजी के नेतृत्व को बता दिया है कि रणनीतिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नयी दिल्ली के व्यापक हित हैं।
सुवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी लिगामामादा राबुका के साथ भारत-फिजी संबंधों के भविष्य के बारे में विस्तृत चर्चा की। फिजी के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे बीच आपसी सहयोग पर चर्चा हुई।  इतनी बड़ी ताकत और अर्थव्यवस्था हमसे बात कर रही है। यह हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। राबुका ने कहा, ‘इस क्षेत्र में वास्तव में कोई नए मित्र नहीं हैं। हम भारत के मित्र रहे हैं। हम अपने संबंध बरकरार रखेंगे। राबुका ने फिजी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की सह-मेजबानी में अभूतपूर्व समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार की सराहना भी की।
-फिजी का साझीदार बनना सौभाग्य की बात
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फिजी के राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उसका साझीदार बनना भारत के लिए सौभाग्य की बात है।  जयशंकर ने फिजी के प्रधानमंत्री सित्विनी राबुका के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और फिजी ने वीजा छूट समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जयशंकर ने रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच लोगों के आपसी संबंधों के जरिए ‘‘निकट एवं पुराने संबंध’’ रहे हैं।

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