महाशिवरात्रि तक झूला पुल से शुरू नहीं हो सकेगी आवाजाही

खंडवा। ओंकारेश्वर में महाशिवरात्रि से पहले झूला पुल का तार टूटने से प्रशासन की मुसीबत बढ़ गई है। महाशिवरात्रि (18 फरवरी) पर उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित कर ज्योतिर्लिंग मंदिर तक दर्शन के लिए भेजने की व्यवस्था में प्रशासन जुटा है। फिलहाल पुराने पुल से ही श्रद्धालुओं को नर्मदा नदी पार करवाई जाएगी। नौका विहार प्रतिबंधित रहेगा। इधर, नए झूला पुल का तार टूटने और पुल की मजबूती आदि का जायजा इंदौर की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने लिया है। पुल के सभी पहलुओं की जांच के बाद टीम रिपोर्ट देगी। ऐसे में महाशिवरात्रि पर पुल से आवाजाही शुरू होने की संभावना नहीं है। तीर्थनगरी में बुधवार सुबह झूल पुल का एक सस्पेंडर तार टूटने से हड़कंप मच गया था। इसके बाद पुल से श्रद्धालुओं की आवाजाही बंद है। गुरुवार को एनएचडीसी और जिला प्रशासन की पहल पर श्री गोविंदराम सेक्सरिया इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड सांइस (एसजीएसआइटीएस), इंदौर के दो तकनीकी विशेषज्ञ प्रोफेसर वीके रोडे और प्रोफेसर मिलन लघाटे ने झूला पुल का जायजा लिया। उन्होंने पुल के टूटे हुए सस्पेंडर और मेन केबल के अलावा पूरे ढांचे का ड्रोन कैमरे की मदद से निरीक्षण किया। इसके अलावा पुराने पुल की मजबूती का भी आकलन किया। इस दौरान कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एसपी विवेक सिंह, एनएचडीसी के इंजीनियर अशोक पाटीदार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। टीम का कहना है कि पुल की भार क्षमता और मजबूती का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों और मशीनों की मदद भी ली जाएगी। महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर में एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु पहुंचते है। शुक्रवार दोपहर बाद से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। आम दिनों में प्रशासन द्वारा नए और पुराने दोनों पुल से श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर तक भेजने की व्यवस्था की जाती है।

इनका कहना है

ओंकारेश्वर में नए झूला पुल की जांच रिपोर्ट आने के बाद इसे आवाजाही के लिए खोलने का निर्णय लिया जाएगा। महाशिवरात्रि पर फिलहाल पुराने पुल से दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। नाव संचालन प्रतिबंधित रहेगा। भी़ड को देखते हुए इमरजेंसी के लिए दोनों किनारों पर नावों की व्यवस्था रहेगी। इंदौर की टीम ने पुल का निरीक्षण किया है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।

-अनूप कुमार सिंह़, कलेक्टर, खंडवा

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