मिशन कंपाउंड में 350 करोड़ की ढाई हेक्टेयर जमीन अब शासन के पास

रतलाम ।    गुरुवार सुबह प्रशासन के दल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सैलाना बस स्टैंड के समीप मिशन कंपाउंड की जमीन पर कब्जा ले लिया। सुबह छह बजे से शाम करीब चार बजे तक चली कार्रवाई में सर्वे नंबर 87 की ढाई हेक्टेयर भूमि पर बने भवन तोड़े गए। इस भूमि को शासन अब लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के माध्यम से नीलामी में बेचकर राजस्व जुटाएगा। 14 अक्टूबर 2022 में मिशन कंपाउंड में सर्वे नंबर 87-88 की जमीन पर कब्जा लेने प्रशासन का दल पहुंचा था, तब ईसाई समाज की तरफ से विरोध चर्च आफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन ने न्यायालय में स्टे के लिए वाद दायर किया था। 13 फरवरी को जिला न्यायालय ने भूमि को शासन की बताते हुए ट्रस्ट के दावे को निरस्त कर दिया था। इसके बाद गुरुवार को कार्रवाई मेें सम्पूर्ण परिसर क्षेत्र स्थित खंडहरनुमा अस्पताल, ओपीडी भवन सहित 7-8 मकानों की भूमि पर कब्जा ले लिया। उच्च न्यायालय से 33 रहवासियों ने स्थगन आदेश प्राप्त किया था, उसमें हस्तक्षेप नहीं किया गया है।

सुबह 5:30 बजे सर्किट हाउस पर जमा हुए अधिकारी-कर्मचारी

प्रशासन ने कब्जा लेने के लिए एसडीएम संजीव पांडे, सीएसपी हेमंत चौहान, स्टेशन रोड टीआइ किशोर पाटनवाला, शहर तहसीलदार अनिता चकोटिया, नायब तहसीलदार मनोज चौहान, कुलभूषण शर्मा, दल प्रभारी पटवारी लक्ष्मीनारायण पाटीदार, आरआइ मेहरबानसिंह मालवीय के साथ पटवारी तेजवीरसिंह चौधरी, कपिल चौबे, जगदीश कसेरा, विनीत त्यागी, शिखा चतुर्वेदी, सत्यनारायण सिंह सिसौदिया, दिग्विजय जलधारी, अंकित परिहार, विकास व्यास, संगीता वर्मा, कमरू चारेल, गिरीश शर्मा, शैलेंद्र व्यास, मनोज मंडलोई, सत्यविजय उपाध्याय आदि के साथ सुबह 5:30 बजे दल सर्किट हाउस पर जमा हुआ। यहां से तीन पोकलेन, चार जेसीबी, चार ट्रक और नगर निगम के ट्रैक्टरों को लेकर दल मिशन कंपाउंड पहुंचा और सर्वे नंबर 87 की जमीन पर बने भवन तोड़ना शुरू कर दिए। राजस्व अमले के अतिरिक्त पुलिस, नगर निगम, होम गार्ड और विद्युत विभाग के क़रीब अधिकारी-कर्मचारी भी दल में शामिल थे।

घरों से सामान निकलवाया, विरोध के स्वर भी उभरे

सुबह जब कार्रवाई शुरू की गई तो मिशन कंपाउंड में निवासरत परिवारों के लोग घरों में सो रहे थे। पुराने बंद पड़े मिशन अस्पताल के भवन को तोड़ने के साथ ही शेष 40 घरों के लोगों को सामान बाहर निकालने के लिए कहा गया। इससे हड़कंप मच गया और विरोध भी होने लगा। प्रशासकीय अधिकारियों ने मौके पर स्थिति स्पष्ट की, इसके बाद लोगों ने घरों से सामान बाहर निकाल लिया। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने मौके पर अधिकारियों से चर्चा कर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए समय देने की मांग की। स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अवगत कराया। कमलनाथ ने कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी से चर्चा की। इसके बाद कलेक्टर, एसपी अभिषेक तिवारी मौके पर पहुंचे व पीड़ित परिवार की बात सुनी और दो दिन का समय दिया।

पीपीपी मोड में उपयोग पर भी विचार

मिशन कंपाउंड की जमीन शहर के मध्य होने से बेहद कीमती है। कब्जे में ली गई जमीन की कीमत ही करीब 350 करोड़ रुपये है। इस भूमि को शासन बेचकर या पीपीपी में योजना लाकर उपयोग कर सकता है। हाउसिंग बोर्ड को भी जमीन देने पर विचार हुआ था। शहर में साड़ी क्लस्टर के लिए भी यह जमीन उपयोगी है।

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