सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं को ही टिकट देगी कांग्रेस और बीजेपी

भोपाल।  भले परिवारवाद का विरोध नहीं करती हो, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी सिर्फ उन्हीं महिलाओं को टिकट वितरण में प्राथमिकता देगी, जो सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय होंगी। नेताओं की पत्नियों या बहू-बेटी को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में विजयी महिलाओं को भी परख रही है। सर्वे में ऐसी महिला प्रतिनिधियों के बारे में भी राय जुटाई जा रही है कि उन्हें टिकट दिया जाए तो वे कितनी टक्कर दे पाएंगी। प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने प्राथमिक रूप से यह तैयारी की है कि आठ से दस विधानसभा क्षेत्रों के बीच एक महिला प्रत्याशी उतारा जाए। उधर भाजपा आने वाले चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने की तैयारी कर रही है। 10 प्रतिशत भी नहीं हैं महिला विधायक – मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 10 प्रतिशत भी नहीं है। 230 सदस्यों वाली विधानसभा में मात्र 21 महिला सदस्य हैं। इनमें महिला कांग्रेस विधायकों की सदस्य संख्या मात्र छह है। भाजपा की महिला विधायकों की संख्या 14 है, जबकि एक सदस्य बहुजन समाज पार्टी की हैं। यह स्थिति तब है, जब उपचुनाव के दौरान चार महिला प्रत्याशियों को विजय मिली, वरना 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मात्र 17 महिलाएं ही जीतकर विधानसभा पहुंची थीं। इसके विपरीत 2013 को गठित 14वीं विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या 31 थी, इनमें सबसे ज्यादा भाजपा की 24 सदस्य थीं, वहीं कांग्रेस की पांच और बहुजन समाज पार्टी की दो सदस्य थीं। भाजपा 20 प्रतिशत टिकट देगी महिलाओं को – भाजपा की तैयारी इस बार टिकट में महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ाने की है। वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक 2023 के विधानसभा चुनाव में 20 प्रतिशत तक टिकट महिलाओं को देने पर विचार किया जा रहा है। इनमें अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़ा वर्ग सहित सामान्य वर्ग में मोर्चा में सक्रिय महिलाओं और नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में जीती महिलाओं को प्राथमिकता दिया जाएगा।

इनका कहना है

भाजपा ही एकमात्र दल है, जो महिला अधिकारों की लड़ाई मजबूती से लड़ता है। भारत का यह पहला दल है, जिसमें 35 प्रतिशत पद संगठन में सुरक्षित किए गए हैं। भाजपा ने ही स्थानीय निकाय में 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए हैं। पार्टी विधायिका में भी महिला आरक्षण 50 प्रतिशत देने के प्रति संकल्पबद्ध है।

– डा. हितेष वाजपेयी, भाजपा के वरिष्ठ नेता

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