ग्रांट थॉर्नटन करेगी अदाणी की कंपनियों का ऑडिट

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के करीब 20 दिन बाद अदाणी समूह ने पहली बार अपने बचाव में मजबूत कदम उठाया है। कंपनियों की ऑडिट के लिए ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की है। रिपोर्ट में कॉरपोरेट गवर्नेंस के जो आरोप लगे हैं, उसके लिए समूह का यह महत्वपूर्ण कदम है।ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति के अलावा, अदाणी ने सलाहकारों को अपने विभिन्न ट्रस्टों और अन्य निजी कंपनियों की देखरेख के लिए एक वित्तीय नियंत्रक नियुक्त करने को कहा है। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, गौतम अदाणी ने निजी पारिवारिक कंपनियों के निरीक्षण में सुधार करने का वादा किया है। इससे फैमिली ऑफिस का गवर्नेंस स्ट्रक्चर पब्लिक कंपनी जैसा हो जाएगा।कारोबार के पारिवारिक पक्ष की देखरेख करने के लिए एक बोर्ड बनाने एवं एक और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) की नियुक्ति का सुझाव भी दिया गया है।

24 जनवरी की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने यह आरोप लगाया था कि अदाणी ने कुछ सालों में अपनी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया था। निवेशकों की चिंता को दूर करने के लिए यह योजना तैयार की गई है।अदाणी समूह दो कंपनियों के कमर्शियल पेपर (सीपी) का भुगतान समय से पहले ही करेगा। अदाणी इंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के सीपी का 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान मार्च में करना है।अदाणी इंटरप्राइजेज को दिसंबर तिमाही में 820 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। एक साल पहले इसी तिमाही में 12 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसकी कुल आय 42 फीसदी बढ़कर 26,951 करोड़ रुपये रही है।गड़बड़ी के आरोप के बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में 70 फीसदी तक गिरावट आई है। कुल पूंजीकरण 10.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया। गौतम अदाणी अमीरों की सूची में दूसरे से 23वें स्थान पर खिसक गए।

 

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